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Samastipur: मानसून की दगाबाजी से धान की 55 प्रतिशत ही रोपाई, खेत खाली

मानसून की दगाबाजी के कारण जिले में धान की रोपाई लक्ष्य का 55 प्रतिशत ही हो सका है. जिले में खरीफ 2025-26 के लिये 78168 हेक्टेयर में धान की रोपाई का लक्ष्य रखा गया था.

समस्तीपुर. मानसून की दगाबाजी के कारण जिले में धान की रोपाई लक्ष्य का 55 प्रतिशत ही हो सका है. जिले में खरीफ 2025-26 के लिये 78168 हेक्टेयर में धान की रोपाई का लक्ष्य रखा गया था. इसके एवज में अबतक 43094 हेक्टेयर में धान की रोपाई हुई है. जुलाई में औसत से 43.86 प्रतिशत कम बारिश के कारण धान का आच्छादन प्रभावित हुआ है. वहीं जून में औसत से 69 प्रतिशत कम बारिश हुई. धान की रोपाई नहीं होने के कारण किसानों के खेत खाली रह गये हैं. किसान वैकल्पिक फसल के लिये माथपच्ची कर रहे हैं. किसानों के खेतों में गिरे बिचड़े भी ताक पर वर्षा नहीं होने के कारण मुरझा गये थे. वहीं जिन किसानों को धान लगाये हैं, उनके धान की खेतों में दरारें पड़ रही है. किसान वर्षा की आस लगाये बैठे हैं. किसानों का कहना है कि धान की पैदावार के लिये धान की फसल में पानी लगा रहना जरूरी होता है, लेकिन वर्षा नहीं होने से खेत में पानी तो दूर नमी की भी कमी है. इस स्थिति में उपज प्रभावित होगी.

किस प्रखंड में कितना प्रतिशत हुई धान की रोपाई

विभूतिपुर प्रखंड में 55.2 प्रतिशत, बिथान प्रखंड में 79.1 प्रतिशत, दलसिंहसराय प्रखंड में 64 प्रतिशत, हसनपुर प्रखंड में 60.8 प्रतिशत, कल्याणपुर प्रखंड में 58.45 प्रतिशत, खानपुर प्रखंड में 57.5 प्रतिशत, मोहनपुर प्रखंड में 54.5 प्रतिशत, माेहिउद्दीननगर प्रखंड में 68.2 प्रतिशत, मोरवा प्रखंड में 43.2 प्रतिशत, पटोरी प्रखंड में 39.7 प्रतिशत, पूसा प्रखंड में 50.8 प्रतिशत, रोसड़ा प्रखंड में 82.1 प्रतिशत, समस्तीपुर प्रखंड में 43.3 प्रतिशत, सरायरंजन प्रखंड में 42.5 प्रतिशत, शिवाजीनगर प्रखंड में 71.4 प्रतिशत, सिंघिया प्रखंड में 57.2 प्रतिशत, ताजपुर प्रखंड में 40.7 प्रतिशत, उजियारपुर प्रखंड में 31.9 प्रतिशत, विद्यापतिनगर प्रखंड में 47.1 प्रतिशत तथा वारिसनगर प्रखंड में 35.7 प्रतिशत धान की रोपाई हुई है.

सिंचाई के लिये कृषि विभाग दे रहा किसानों को डीजल अनुदान

सूखाड़ की स्थिति को देखते हुये कृषि विभाग किसानों को धान की फसल की सिंचाई के लिये डीजल अनुदान दे रहा है. विभाग के द्वारा एक एकड़ की सिंचाई के लिये 10 लीटर डीजल पर अनुदान दे रहा है. इस तरह किसानों को प्रति सिंचाई अधिकतम 7ा50 रुपये प्रति एकड़ अनुदान मिलेगा. धान का बिचड़ा व जूट के लिये अधिकतम दो सिंचाई के लिये डीजल अनुदान किसानों को दिया जायेगा. वहीं खड़ी फसल धान, मक्का, दलहनी, तेलहनी, मौसमी सब्जी, औषधीय एवं सुगंधित पौधे के लिये अधिकतम तीन सिंचाई के लिये 2250 रुपये प्रति एक एकड़ प्रति किसान दिया जायेगा. एक किसान को अधिकतम आठ एकड़ की सिंचाई के लिये अनुदान दिया जायेगा.खरीफ फसलों में सिंचाई के लिये 30 अक्टूबर 2025 तक डीजल क्रय करने के लिये अनुदान दिया जायेगा.

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