Samastipur News:बिथान : मनरेगा के तहत बिथान प्रखंड के 13 पंचायतों में चल रहे वृक्षारोपण योजना की जमीनी सच्चाई बेहद चिंताजनक है. सरकार की जल-जीवन-हरियाली जैसी महत्वाकांक्षी योजना को सफल बनाने के लिए मनरेगा के माध्यम से बड़े पैमाने पर पौधारोपण किया गया. लेकिन देखरेख की व्यवस्था न होने से अधिकांश पौधे या तो सूख गये या मवेशियों द्वारा चर लिये गये. स्थानीय लोगों का कहना है कि पौधारोपण के नाम पर सिर्फ औपचारिकता निभाई गई. कहीं घेराबंदी नहीं की गई, न ही पानी की समुचित व्यवस्था की गई. कई जगह तो पौधे लगाये ही नहीं गये. सबसे गंभीर मामला यह है कि किसी भी वृक्षारोपण स्थल पर न तो एस्टीमेट बोर्ड लगाया गया है, न ही यह दर्शाया गया कि किस एजेंसी या श्रमिक द्वारा कार्य किया गया. इससे कार्य की पारदर्शिता पर बड़ा सवाल खड़ा होता है. इसके साथ ही, योजना के तहत वनपोषक के रूप में स्थानीय गरीब मजदूरों को शामिल करने की बजाय, संबंधित कर्मियों ने अपने पहचान और जानने वालों के नाम पर फर्जी तरीके से भुगतान करवा लिया. इससे मनरेगा मजदूरों के समक्ष रोजगार का संकट उत्पन्न हो गया है. उन्हें न काम मिला और न ही योजना से कोई लाभ. ग्रामीणों का कहना है कि यह पूरी योजना कुछ लोगों के लाभ के लिए चलाई जा रही है, जबकि योजना का असली उद्देश्य हरियाली और रोजगार दोनों ही उपेक्षित हैं. इस विषय में मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी राहुल कुमार ने कहा कि पूरे वृक्षारोपण कार्य की जांच कराई जायेगी. जो भी दोषी पाये जायेंगे उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी.स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी इस घोटाले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है