Samastipur News: समस्तीपुर : अगर आपको जिला पुलिस से अपने चरित्र का प्रमाणपत्र लेना है तो हर हाल में नजराना पेश करना ही होगा. ऐसा नहीं करने पर आप दौड़ते रह जायेंगे. लेकिन, आपको प्रमाणपत्र नहीं मिलेगा. अगर किसी से पैरवी करा दी, तो गलत प्रमाणपत्र बनाकर महकमा अपने काम की इति श्री कर लेगा. हाल फिलहाल में जिले में पुलिस महकमा कुछ इसी तर्ज पर चलता हुआ प्रतीत रहा है. मामला जिले के सिंघिया थाना के सिंघिया गांव निवासी संजीव कुमार सिंह से जुड़ा हुआ है. जब संजीव कुमार सिंह को अपने चरित्र के प्रमाणपत्र की जरूरत हुई तो उन्होंने आनलाइन माध्यम से 7 जनवरी, 25 को आवेदन किया. इसके बाद थाना पर जाकर कागजातों को भी दिखाया. जांचकर्ता ने कागजातों की जांच के बाद कुछ दिनों में प्रमाणपत्र मिल जाने की बात कही. लेकिन, 23 जनवरी को उनके मोबाइल पर जो प्रमाणपत्र आया वह गलत था.
– हर बार बना गलत प्रमाण पत्र
संजीव ने इसकी शिकायत समस्तीपुर स्थित पुलिस अधीक्षक कार्यालय में की, तो उन्हें फिर से आवेदन करने की सलाह दी गयी. काफी प्रयास के बाद भी प्रमाणपत्र सही नहीं हुआ. थक- हार कर संजीव ने 3 मार्च, 2025 को फिर से अपने चरित्र के प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया. सारी प्रक्रियाओं को फिर से पूरी की. लेकिन, प्रमाणपत्र मिलने की तारीख 21 मार्च जब आई तो उन्हें एक बार फिर निराशा हाथ लगी. विभाग ने फिर से गलत प्रमाणपत्र बनाकर उन्हें भेज दिया.– तीन माह में पीड़ित ने दो बार किया आवेदन
संजीव का कहना है कि उन्होंने नजराना की प्रक्रिया को छोड़ सारी प्रक्रियाओं को पूरा किया. लेकिन, विभाग के रवैये के कारण उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. ऐसे कई संजीव हैं जो पुलिस कार्यालय में इस तरह की छोटे-छोटे कामों के लिए महीनों से दौड़ रहे हैं. पुलिस अधीक्षक समस्तीपुर से इसको लेकर दूरभाष पर संपर्क का प्रयास किया गया लेकिन, उनसे संपर्क नहीं हो सका.
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