Samastipur News:पूसा : डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय स्थित ईख अनुसंधान संस्थान के फार्म में लगे गन्ना फसलों का निदेशक डा देवेंद सिंह एवं वैज्ञानिक डा बलवंत कुमार ने निरीक्षण किया. इस दौरान वैज्ञानिक डा कुमार ने बताया कि राजेंद्र गन्ना 2, सीओपी 09437 की उपज क्षमता लगभग 88 टन प्रति हेक्टेयर है. यह जल जमाव रोधी किस्म है. यह बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल एवं असाम के लिए रिलीज हुआ है. यह प्रभेद सीधा खड़ा रहने वाला तना का बंद भाग हरा एवं खुला भाग उजलापन लिए हरा, तना मध्यम मोटाई व बेलनाकार होता है. इसका पोर हल्का फूला, छोटा प्याजाकार आंख, मध्यम चौड़ी पत्तियां, हरे पत्रकंचुक पर बैंगनी धब्बे पत्रकंचुक का ढ़ीला पकड़ उपर की ओर उठी पत्तियां, सभी प्रकार की मिट्टियाें के लिए उपर्युक्त होता है. औसत उपज 88.0 टन प्रति हेक्टेयर एवं रस में चीनी की मात्रा 17.90 प्रतिशत है. जनवरी के दूसरे सप्ताह से काटने योग्य हो जाता है. अच्छी गुड़ के लिए भी उपयुक्त है. यह प्रभेद बीओ 91 के सामान्य संकरण से विकसित हुआ है. ज्ञात हो कि बीओ 91 लालसर रोगरोधी किस्म है. जलजमाव एवं सूखा सहन क्षमता के लिए अति लोकप्रिय प्रभेद रहा है. वहीं राजेंद्र गन्ना 2 की उपज क्षमता एवं चीनी की मात्रा बीओ 91 से अधिक होती है. राजेंद्र गन्ना 2 का फैलाव जलजमाव वाले क्षेत्रों में में होने से किसानों को लाभ होगा. खास कर सिंगल बड यानि एकल गांठ विधि से गन्ना फसल को लगाने से उत्पादन में बढ़ावा होंगी. एकल गांठ पौधे लगाने के लिए प्रो ट्रे का उपयोग किया जाता है. जिससे बीज की भी बचत होती है. यह चीनी मिल क्षेत्रों में लोकप्रिय हो रहा है.
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