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Samastipur News:सड़क सुरक्षा का सीधा संबंध जीवन सुरक्षा से जानेंगे बच्चे

सड़क सुरक्षा एक महत्वपूर्ण जीवन कौशल है, खासकर उन बच्चों के लिए जो रोजान शहरी व ग्रामीण इलाकों में पढ़ते व घूमते हैं.

Samastipur News:प्रकाश कुमार, समस्तीपुर : सड़क सुरक्षा एक महत्वपूर्ण जीवन कौशल है, खासकर उन बच्चों के लिए जो रोजान शहरी व ग्रामीण इलाकों में पढ़ते व घूमते हैं. हम एक ऐसी अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं जहां लगभग हर दूसरे व्यक्ति के पास कार है, जो अच्छी भी है और बुरी भी. अच्छा इसलिए क्योंकि देश प्रगति कर रहा है, और बुरा इसलिए क्योंकि दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ रही है. इसलिए, बच्चों को सड़कों पर सुरक्षित रहने का महत्व सिखाने से न केवल उनकी सुरक्षा होती है, बल्कि कम उम्र से ही उनमें जिम्मेदारी का भाव भी पैदा होता है. इसी उद्देश्य से सड़क सुरक्षा के लिए अब स्कूलों में पाठशाला चलेगी. इसमें बच्चों को लघु फिल्में दिखाई जायेंगी. बच्चों को सड़क दुर्घटनाओं से बचने के लिए क्या करना चाहिए, फिल्मों से उन्हें बताया जायेगा. यह फिल्में ‘जल्दी मत जाओ- आराम से जाओ’ विषय पर आधारित होगी. पाठशाला के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के नेतृत्व में 16 लघु फिल्में तैयार की गई हैं.

सड़क सीखना बेहद महत्वपूर्ण

बच्चों को बुनियादी यातायात संकेतों और सड़क चिन्हों से पहले परिचित कराया जायेगा. गति सीमा, पार्किंग निषेध क्षेत्र और स्कूल क्षेत्र जैसे अन्य सामान्य संकेतों के बारे में समझाया जायेगा. यदि कोई फुटपाथ नहीं है, तो उन्हें आने वाले वाहनों का मुंह करके चलने के बारे में बताया जायेगा, ताकि वे आने वाले वाहनों को बेहतर ढंग से देख सकें. टेक्नो मिशन स्कूल के प्राचार्य एके लाल ने बताया कि सड़क सुरक्षा नियम केवल दिशानिर्देश नहीं हैं, बल्कि महत्वपूर्ण कौशल हैं जो बच्चों और उनके आसपास के लोगों की सुरक्षा कर सकते हैं. बच्चों को सतर्क रहना, नियमों का पालन करना और जिम्मेदारी से काम करना सिखाकर, हम दुर्घटनाओं के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकते हैं. माता-पिता, शिक्षकों और समुदायों को मिलकर कम उम्र से ही ये आदतें डालने के लिए काम करना चाहिए. याद रखें, सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी है. अपने बच्चों को जरूरी ज्ञान से लैस करें और सबके लिए सुरक्षित सड़कें बनाने के लिए खुद उदाहरण पेश करें.

स्कूलों में बजेगा, परवाह करेंगे, सुरक्षित रहेंगे….गीत

छात्रों की नैतिक और सामाजिक समझ विकसित करने में स्कूलों की अहम भूमिका होती है. इसी को देखते हुए सीबीएसई ने स्कूलों से अनुरोध किया है कि वे इस अभियान के तहत दी गई गतिविधियों, जैसे एंथम बजाना, लघु फिल्में दिखाना, को नियमित रूप से अपनाएं और सड़क सुरक्षा को एक संस्कार के रूप में विकसित करें. सीबीएसई ने सभी प्रधानाचार्यों, शिक्षकों और विद्यार्थियों से इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय अभियान को सफल बनाने में सक्रिय सहयोग की अपील की है. यह केवल एक सरकारी पहल नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन बनने की ओर अग्रसर है. परवाह करेंगे, सुरक्षित रहेंगे शीर्षक से तैयार गीत स्कूलों में बजेगा.

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