पूसा : बीते कुछ वर्षों से श्री अन्नों (मिलेट्स) की मांग बढ़ी है. इन फसलों के मूल्य वर्धित उत्पादों का बाजारों में उपलब्धता भी सुनिश्चित हो रही है. इसको भारतीय भोजन में सामान्यजन शामिल भी कर रहे हैं. यह पौष्टिकता के महत्व के प्रति जन जागरूकता के वजह से संभव हो पाया है. श्री अन्न की मांग एवं उपलब्धता के अंतर कम करने की दिशा में गुणवत्तापूर्ण बीज उत्पादन कार्यक्रम निश्चित तौर पर मील का पत्थर साबित होगा. यह उद्गार अपने अभिभाषण में मुख्य अन्वेषिका-सह-संयोजक, श्री अन्न परियोजना डा. श्वेता मिश्रा ने तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम विषय “लघु कदन्न फसलों (श्री अन्न) का बीज उत्पादन तकनीक ” के समापन कार्यक्रम में दिया. विदित हो कि यह कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम पोषक अनाज एवं मूल्य शृंखला उत्कृष्ठता केन्द्र, डा राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के माध्यम से आयोजित किया गया. पाठ्यक्रम निदेशक डा राजीव कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि उत्तम व गुणवत्तापूर्ण बीज उत्पादन किसानों द्वारा तथा किसानों के खेत पर करने का प्रयास विश्वविद्यालय द्वारा सफलतापूर्वक किया गया है. संचालन डा ऋतंभरा सिंह व धन्यवाद ज्ञापन डा कौशल किशोर ने किया. मौके पर डा पुष्पा सिंह, डा मिथिलेश कुमार आदि मौजूद थे.
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