27.9 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Samastipur News:शिक्षक बीएलओ ड्यूटी निभाने में व्यस्त, उधर स्कूलों में पढ़ाई चौपट

शिक्षक स्कूलों में पढ़ाने की बजाय अब बीएलओ की भूमिका में अपनी ड्यूटी दे रहे हैं.

Samastipur News: समस्तीपुर : शिक्षक स्कूलों में पढ़ाने की बजाय अब बीएलओ की भूमिका में अपनी ड्यूटी दे रहे हैं. ये मतदाता गणना प्रपत्र प्रारूप से जुड़े काम में लगे हैं. इससे स्कूलों में पठन-पाठन का माहौल बिगड़े तो बिगड़े, इससे जिला प्रशासन को कोई मतलब नहीं. प्रशासन का तर्क है कि यह काम राष्ट्रहित में जरूरी है. नया शैक्षणिक सत्र को शुरू हुए तीन महीने बीत चुके हैं. स्कूलों में पठन-पाठन का माहौल पटरी पर चल रहा था. अचानक से मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान शुरू हुआ और एचएम व शिक्षक शैक्षणिक कार्य छोड़ कर निर्वाचन से जुड़े कार्यों को गति दे रहे हैं. शहर के मध्य विद्यालय धुरलख की बात करे या फिर उत्क्रमित मध्य विद्यालय मुसापुर की एचएम सहित छह शिक्षक निर्वाचन से जुड़े कार्यों को गति दे रहे हैं. जिले के विभिन्न विद्यालयों में तैनात करीब दो हजार से अधिक एचएम व शिक्षकों की ड्यूटी बीएलओ कार्य में फिर से लगा दी गई है. ऐसे में विद्यालयों की हालत यह हो गई है कि कई विद्यालयों में विषयवार शिक्षकों को कमी से शैक्षणिक गतिविधियां प्रभावित हो रही है. खासकर महिला शिक्षिकाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. कुछेक बीएलओ ने बताया कि कभी वीसी तो कभी ओटीपी के माध्यम से परेशान किया जा रहा है. बीएलओ की ड्यूटी में लगे शिक्षक बताते हैं कि वे घर-घर जाकर लोगों का ब्योरा जुटा रहे हैं. गर्मी के इस मौसम में चिलचिलाती धूप में जाने पर कामकाजी लोग घर पर नहीं मिलते है, इस अड़चन को देखते हुए रविवार को भी जाना पड़ता है. इधर, शिक्षक संगठनों ने बताया कि शिक्षा की गुणवत्ता संवर्धन संबंधी विभिन्न सर्वे रिर्पोटों और अध्ययनों में शिक्षकों पर गैर अकादमिक कार्यों के बढते बोझ को शिक्षा की गुणवत्ता सुधार में सबसे बड़ी बाधा बताया गया है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल प्लानिंग एंड एडमिनिट्रेशन (नीपा) की रिपोर्ट के मुताबिक देश में स्कूलों के शिक्षकों का काफी समय गैर अकादमिक कार्यों में लग जाता है, जो कि शैक्षिक गुणवत्ता में बड़ी बाधा है. निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 27 के अनुसार शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में लगाने पर रोक है. प्रख्यात शिक्षाविद डा. दशरथ तिवारी ने भी इस संदर्भ में कहा है कि शिक्षकों पर काफी सारी जिम्मेदारी डाल दी गई है. यह मान कर चला जा रहा है कि उन्हें कहीं भी लगा दो, यह ठीक नहीं है. अकादमिक कार्यों पर ध्यान देना जरूरी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel