समस्तीपुर: जिले में विशिष्ट शिक्षक पहले होली पर वेतन की मांग करते रहे, लेकिन नहीं मिला. अब ईद भी फीकी रहने की संभावना है. इसका कारण पहले तो सक्षमता एक में पास हुए विशिष्ट शिक्षकों का प्रान नंबर जेनरेट करने में अनावश्यक विलंब . अब एचआरएमएस ऑनबोर्डिंग का कार्य धीमी होने के कारण शिक्षकों को वेतन भुगतान नहीं हो पा रहा है. एचआरएमएस ऑनबोर्डिंग मतलब नये शिक्षकों को विभाग में शामिल करने की प्रक्रिया को एचआरएमएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से सुव्यवस्थित और स्वचालित करना, जिससे कागजी कार्रवाई, प्रशिक्षण और अन्य आवश्यक कार्य आसानी से हो सके. इधर शिक्षक संगठनों से जुड़े शिक्षक नेताओं ने बताया कि कुछ ही शिक्षकों का पेमेंट हुआ है, उन्हें काफी कम वेतन मिला है. मूल वेतन 31470 के बदले 25 हजार वेतन का भुगतान हुआ है. शिक्षकों ने कहा कि इसका कारण शिक्षा विभाग ने शिक्षकों का वेतन निर्धारण ही नहीं कराया और सबसे न्यूनतम मूल वेतन पर ही भुगतान कर दिया. 2022 में बहाल हुए शिक्षक और 2006 में बहाल शिक्षकों का वेतन एक समान हो गया है. इसे दूर किया जाना चाहिए. निदेशालय के डाटा पर ही गौर करें तो एचआरएमएस पर ऑनबोर्डिंग मामले में 90 प्रतिशत के साथ जिला 9 वें स्थान पर है.
एचआरएमएस पर ऑनबोर्डिंग मामले में 90 प्रतिशत के साथ जिला 9 वें स्थान पर है
वही फरवरी तक के 64 प्रतिशत शिक्षकों के वेतन भुगतान के साथ जिला 31 वें स्थान पर है. जानकारों की माने तो निदेशालय द्वारा जारी डाटा के आधार पर डीपीओ स्थापना ने जिस अव्वल होने का मेसेज दिया है,वह प्रतिशत कार्य के मामले में बिल्कुल उल्टा है.प्रतिशत कार्य संपादन में जिला की स्थिति नीचे से अव्वल को दर्शाता है. शिक्षकों का कहना है कि माध्यमिक संवर्ग के विशिष्ट शिक्षकों की वेतन भुगतान स्थिति और भी दयनीय है.शनिवार को जारी डाटा के दिन तक शहर मुख्यालय स्थित स्थिति बालिका उवि काशीपुर में 8 शिक्षकों में 1,ऐसे में पूरे जिला में माध्यमिक संवर्ग के शिक्षकों की स्थिति और भी दयनीय है. उसके बावजूद डीपीओ स्थापना कार्यालय का दावा सत्य से पड़े है. शिक्षकों को होली के साथ ईद भी फीकी होने के आसार दिखाई देने लगे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है