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Samastipur News:मवि के शिक्षक के अधीन कार्य करने को विवश हैं उमावि के शिक्षक

जिला शिक्षा विभाग की अनदेखी व लेट लतीफी के कारण मध्य विद्यालय के विशिष्ट शिक्षक/नियोजित शिक्षक के अधीन माध्यमिक व उच्च माध्यमिक के शिक्षक को कार्य करने पर मजबूर होना पड़ रहा है.

Samastipur News:समस्तीपुर : जिला शिक्षा विभाग की अनदेखी व लेट लतीफी के कारण मध्य विद्यालय के विशिष्ट शिक्षक/नियोजित शिक्षक के अधीन माध्यमिक व उच्च माध्यमिक के शिक्षक को कार्य करने पर मजबूर होना पड़ रहा है. ध्यानाकर्षण के बावजूद डीईओ कार्यालय इसे नजरंदाज कर रहा है. कल्याणपुर प्रखंड अंतर्गत उच्च माध्यमिक विद्यालय गोराई के सभी शिक्षकों ने बीते 7 अप्रैल को सामूहिक आवेदन के साथ पदस्थापना विवरणी संलग्न करते हुए कहा है कि उच्च माध्यमिक विद्यालय गोराई में बीपीएससी द्वारा टीआरई प्रथम, द्वितीय और तृतीय द्वारा माध्यमिक एवम उच्च माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति की जा चुकी है. जिसकी संख्या करीब एक दर्जन है. इस विद्यालय का संचालन मध्य विद्यालय के विशिष्ट/नियोजित शिक्षक द्वारा किया जा रहा है. विद्यालय में वरीय शिक्षक रहने के बावजूद कनीय संवर्ग के शिक्षकों से विद्यालय और खाता का संचालन किया जाना कहीं से उचित नहीं है. जानकारों की माने तो विभाग द्वारा स्पष्ट किया हुआ है कि वरीय शिक्षक के रहते कनीय शिक्षक से विद्यालय का संचालन कराया जाना गलत है. यह वरीय अधिकारी के आदेश का उल्लंघन है. उच्च माध्यमिक विद्यालय में पूर्णकालिक एचएम नहीं रहने से यदि मध्य विद्यालय में पूर्णकालिक एचएम हैं तो वे उच्च विद्यालय को संचालित कर सकते हैं. लेकिन पूर्णकालिक एचएम नहीं रहने पर उच्च माध्यमिक विद्यालय के वरीय शिक्षक को विद्यालय का प्रभारी बनाया जाना चाहिए. विभाग ने इस मामले में स्पष्ट तौर पर वरीयता निर्धारित करते हुए कहा है कि नियमित शिक्षक, बीपीएससी टीआरई प्रथम, टीआरई द्वितीय, सक्षमता प्रथम उत्तीर्ण विशिष्ट शिक्षक, सक्षमता द्वितीय विशिष्ट शिक्षक, स्थानीय निकाय के शिक्षक क्रमबद्ध रूप से वरीय होंगे. सूत्रों की माने तो शिक्षकों द्वारा दिये गये सामूहिक आवेदन को बीते तीन माह से लटकाये रखने की पीछे आर्थिक दोहन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. विदित हो कि जिला में दर्जनों विद्यालय में प्रभारी बनाने का मामला लंबित हैं. विद्यालय में बीपीएससी टीआरई प्रथम व द्वितीय के शिक्षक रहने के बावजूद स्थानीय निकाय और विशिष्ट शिक्षक प्रभार का संचालन कर रहे हैं. जिसे शिक्षा विभाग का कार्यालय अनदेखी कर रहा है.

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