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Samastipur News:वेतन संरक्षण को लेकर शिक्षक संघ नाराज

जिला शिक्षा विभाग का डीपीओ स्थापना संभाग धीमी गति से कार्य किये जाने को लेकर लगातार सुर्खियों में है.

Samastipur News:समस्तीपुर : जिला शिक्षा विभाग का डीपीओ स्थापना संभाग धीमी गति से कार्य किये जाने को लेकर लगातार सुर्खियों में है. विशिष्ट शिक्षकों के वेतन भुगतान की प्रक्रिया से लेकर वेतन फिक्सेशन का कार्य लटका हुआ है. निदेशालय के आदेश के बावजूद सक्षमता प्रथम उत्तीर्ण विशिष्ट शिक्षकों के वेतन भुगतान, एचआरएमएस पर ऑनबोर्डिंग की प्रक्रिया से दर्जनों शिक्षक तीन माह से वंचित हैं. अन्य जिलों में वेतन फिक्सेशन का कार्य द्रुतगति से चल रहा है. समीपवर्ती दरभंगा सहित कई एक जिला ने फिक्सेशन का कार्य प्रारंभ कर दिया है. वहीं समस्तीपुर का डीपीओ स्थापना संभाग द्वारा अभी तक पत्र भी जारी नहीं किया गया है. इसको लेकर शिक्षक संघ में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है. शिक्षकों का कहना है कि विशिष्ट शिक्षक नियमावली के अनुसार फिक्सेशन नहीं होने से मूल वेतन 31470 के बदले 25 हजार वेतन का भुगतान हो रहा है. शिक्षकों ने कहा कि इसका कारण शिक्षा विभाग ने शिक्षकों का वेतन निर्धारण ही नहीं कराया और सबसे न्यूनतम मूल वेतन पर ही भुगतान कर दिया. 2022 में बहाल हुए शिक्षक और 2006 में बहाल शिक्षकों का वेतन एक समान हो गया है. इसे दूर किया जाना चाहिए. अन्य जिलों में फिक्सेशन का कार्य प्रारंभ हो चुका है. लेकिन डीपीओ स्थापना संभाग ने अभी तक इससे संबंधित कोई भी गाइडलाइन जारी नहीं किया है.

वेतन विसंगति व सेवा निरंतरता का होगा आकलन

शिक्षकों की वेतन विसंगति और सेवा निरंतरता का आकलन होगा. इसके लिए शिक्षा सचिव अजय यादव की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जायेगी जो स्कूली शिक्षकों की वेतन विसंगति और सेवा निरंतरता के संदर्भ में आकलन कर सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी. रिपोर्ट की समीक्षा कर शिक्षा विभाग आवश्यक संशोधन कर प्रस्ताव वित्त विभाग में भेजने का निर्णय लेगी. राज्य में बड़ी संख्या में शिक्षकों एवम एचएम से जुड़े ऐसे मामले हैं जिसपर बजट सत्र में आवश्यक कार्रवाई की मांग उठी थी. शिक्षा विभाग के मुताबिक जिन शिक्षकों के वेतन विसंगति का मामला है, उसके समाधान के लिए संबंधित निदेशालयों को आवश्यक निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही जिन शिक्षकों की सेवा निरंतरता का मामला है और वेतन विसंगति भी उनके मामलों में जिलों से रिपोर्ट मांगी गई है. इसके बाद विभाग के स्तर से संबंधित मामलों का समाधान किया जायेगा.

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