Samastipur News:पूसा : डॉ. राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय एवं यूनिसेफ के संयुक्त तत्वाधान से नवांकुर संगम कार्यक्रम का आयोजन को मध्य विद्यालय के प्रांगण में किया गया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रारंभिक बाल्यावस्था विकास को बढ़ावा देना व इससे जुड़े विभिन्न विभागों व हितधारकों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना था. कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा, एएनएम, जनप्रतिनिधि, स्कूल शिक्षक, स्वास्थ्य व पोषण विभाग के अधिकारी, गैर-सरकारी संगठन, विशेषज्ञ तथा बाल कल्याण से जुड़े संस्थानों के प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली. इस अवसर पर सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय के अधिष्ठाता सह परियोजना की मुख्य अन्वेषक डॉ. ऊषा सिंह ने बताया कि बच्चों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए 14 रचनात्मक स्टॉल्स की स्थापना की गई. जिनमें संज्ञानात्मक, सामाजिक व भावनात्मक विकास को प्रोत्साहित करने वाली गतिविधियां प्रस्तुत की गईं. आइने में देखा, रंगों की पहचान, ध्वनि से मिलान, स्पर्श अनुभव, रचनात्मक गतिविधियां और कहानी कहने जैसे खेल बच्चों और अभिभावकों दोनों के लिए आकर्षण का केंद्र बने। साथ ही स्वास्थ्य जांच, पोषण परामर्श, वृद्धि निगरानी एवं हाथ की साफ-सफाई के स्टाल से लोगों ने न केवल स्वास्थ्य वरन पोषण एवं साफ-सफाई के भी महत्त्व को समझा. इन इंटरैक्टिव स्टॉल्स ने न केवल बच्चों का मनोरंजन किया, बल्कि उनके सीखने और विकास की प्रक्रिया को भी मजबूत किया. यह मेला बिहार में अपनी तरह का पहला प्रयास था जो ईसीडी के विषय को समुदाय के बीच रोचक और प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत करता है.
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