Education news from Samastipur:प्रकाश कुमार, समस्तीपुर : शिक्षा विभाग के आदेश की अनदेखी करने वाले जिले के 23 शैक्षणिक संस्थान का यू-डाइस कोड रद्द कर दिया गया है. इसमें निजी स्कूल, उच्च विद्यालय, काॅलेज व मदरसा सम्मिलित है. यू-डायस व ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर एक भी छात्रा का डाटा इंट्री नहीं की. डीपीओ एसएसए मानवेंद्र कुमार राय ने बीईपी पटना के एमआईएस (मैनेजमेंट इन्फॉर्मेसन सिस्टम) प्रभारी को इन स्कूलों के यू-डायस कोड रद्द करने व ई-शिक्षाकोष से स्कूल का नाम विलोपित करने का आदेश दिया है. डीपीओ एसएसए ने बताया कि वीसी के माध्यम से हुयी बैठक में समीक्षोपरान्त पर प्रस्ताव तलब की गयी. जिसके बाद इन शिक्षण संस्थानों को सूचीबद्ध करते हुए रिपोर्ट भेजी गयी है. वही जिले में कई और ऐसे निबंधित निजी स्कूल है, जो निबंधन लेने के बाद धरातल पर संचालित ही नहीं है. इसकी भी जांच करायी जा रही है. डीपीओ ने बताया कि कई स्कूलों के धरातल पर संचालित नहीं होने की बात सामने आयी है. ऐसे स्कूलों को भी चिह्नित कर कार्रवाई की जायेगी. यू-डायस कोड बंद होने से संबंधित विद्यालयों को सरकार प्रायोजित योजनाओं से वंचित किया जायेगा. ऐसे शिक्षण संस्थान द्वारा जारी किए जाने वाले स्कूल स्थानांतरण प्रमाण पत्र भी अवैध करार दिया जायेगा.
कई महीने से हो रही थी निर्देश की नाफरमानी
संभाग प्रभारी सुजीत कुमार ने बताया कि विगत कई माह से विभागीय दिशा-निर्देश के आलोक में डाटा अपलोड व इंट्री करने के लिए विभिन्न माध्यमों से सूचना दी जा रही थी. यू-डायस व ई- शिक्षा कोष पोर्टल पर बच्चों की एंट्री शुरू करने व एक सप्ताह के अंदर शत-प्रतिशत एंट्री पूर्ण कराना सुनिश्चित करने को कहा गया था. अन्यथा ऐसी स्थिति में यह माना जाएगा कि आपके विद्यालय में बच्चे नामांकित ही नहीं हैं. उन्होंने यह भी कहा है कि इसे आधार मानते हुए विद्यालय की प्रस्वीकृति रद्द एवं यू-डायस कोड बंद करने की कार्रवाई आरंभ कर दी जायेगी. आसान भाषा में कहें तो ऐसे शैक्षणिक संस्थान की मान्यता रद्द कर दी जायेगी. लेकिन शिथिलता बरती गयी, जो खेद का विषय है एवं विभागीय आदेश की अवहेलना है. बिना यू-डायस कोड के विद्यालय संचालित पाये जाने पर खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी, जिसके लिए विद्यालय प्रबंधन खुद जिम्मेदार होगा.यू-डायस पर उपलब्ध डाटा की होगी जांच
शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए यू-डायस पर आंकड़ों की जो प्रविष्टि सरकारी व निजी विद्यालयों द्वारा की गई है उसका भौतिक सत्यापन किया जायेगा. विद्यालयों ने यू-डायस पोर्टल पर अलग-अलग प्रोफाइल में आकंड़ा दिया था. समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि कुछ विद्यालयों ने या तो अधूरी जानकारी दी है या उनकी जानकारी में कुछ गलतियां हैं. शिक्षा विभाग के सचिव अजय यादव ने इसे लेकर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखा है. कहा है कि संबंधित विद्यालय द्वारा दिए गए इन आंकड़ों का भौतिक सत्यापन कराया जाये. यू डायस पोर्टल पर विद्यालय प्रधान को विद्यालय में उपलब्ध भवन, इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षकों की संख्या, एजुकेशनल गुणवत्ता, विद्यालयों के लाभुक आधारित योजना का बच्चों को मिल रहे लाभ, आधार अपडेट, विद्यार्थियों की संख्या, वर्ग कक्षा की संख्या, कोटिवार विद्यार्थियों की संख्या सहित अन्य सूचनाओं की एंट्री करना था. एंट्री किये जाने वाले डेटा के आधार पर ही राज्य सरकार शिक्षक-छात्र अनुपात में शिक्षकों की उपलब्धता, आवश्यक शिक्षकों की संख्या एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का निर्धारण करती है. बताते चलें कि यू-डायस पोर्टल पर जिले के 2849 सरकारी व 594 निजी स्कूलों में नामांकित 8 लाख 25 हजार 669 बच्चों का डाटा अपलोड है.इन शैक्षणिक संस्थानों का हुआ कोड रद्द
विभूतिपुर प्रखंड अंतर्गत रिवर वैली पब्लिक स्कूल नरहन एस्टेट, बिथान प्रखंड के रघुवीर विद्यापीठ स्कूल,आदर्श विद्या मंदिर औरा हसनपुर,उच्च विद्यालय नथुद्वार खानपुर,अमृत किशनदेव शोभेलाल उच्च विद्यालय जौनापुर मोहनपुर, विद्या विहार मोहनपुर, कृष्णदेव शोभेलाल सिंह कॉलेज कोकिल कुंज मोहिउद्दीननगर, कन्या उच्च विद्यालय मोहिउद्दीननगर, नगिना जगदेव बालिक उच्च विद्यालय कल्याणपुर बस्ती मोहिउद्दीननगर,श्रीराम जानकी बेनी माधव उच्च विद्यालय कोशोनारायणपुर मोरवा,भारती भवन संस्कृत उच्च विद्यालय रोसड़ा,बाल संस्कार पब्लिक स्कूल बेला चितौरा शिवाजीनगर, केदार संस्कृत विद्यालय उच्च विद्यालय शुम्भा सिंघिया, दिल्ली पब्लिक स्कूल माधोपुर दिघरूआ ताजपुर, टैगोर पब्लिक स्कूल ताजपुर, एमआर जनता कॉलेज लखानीपुर महेशपट्टी उजियारपुर, महादेव पार्वती बालिका उच्च विद्यालय मउ बाजार विद्यापतिनगर, महावीर नरेंद्र उर्मिला उच्च विद्यालय हरपुर रेवाड़ी, उजियापुर, बलाही उच्च विद्यालय बलाही वारिसनगर,दारुल उलूम ताज्वीदुल कुरान वारिसनगर व आरआरके हाई स्कूल लखनपट्टी वारिसनगर.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है