Bihar: बिहार के समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर प्रखंड स्थित सिंघिया घाट पर हर साल नागपंचमी के दिन आस्था और रोमांच से भरा एक अनोखा मेला लगता है, जो केवल दर्शन नहीं, एक जीवंत अनुभव बन जाता है. यहां बच्चे, युवा और वृद्ध तक जिंदा सांपों को गले में माला की तरह पहनकर खुलेआम घूमते हैं. इस दृश्य को देख पहली बार आने वाला दंग रह जाता है, लेकिन यहीं छुपी है मिथिला की सदियों पुरानी नाग परंपरा.यह अनोखा मेला सिंघिया बाजार स्थित मां भगवती मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ शुरू होता है. इसके बाद भक्तों की भीड़, हाथों में और गले में सांप लेकर, सिंघिया घाट की ओर कूच करती है.
माता विषहरी के नाम पर दिखते हैं अद्भुत करतब
मेले में सबसे ज़्यादा ध्यान खींचते हैं राम कुमार महतो जैसे अनुभवी भगत, जो माता विषहरी का नाम लेकर ज़हरीले सांपों को मुंह में पकड़ते हैं, नाचते हैं, और अद्भुत करतब दिखाते हैं. उनकी पूजा के केंद्र में हैं नागदेवता और माता विषहरी, जिनके नाम पर घाट पर भक्तों का जमावड़ा होता है. लोग नदी में उतरकर पूजा करते हैं और मां विषहरी की जय-जयकार करते हुए दर्जनों सांप निकालते हैं. इस मेले में न कोई भय दिखता है, न कोई अविश्वास. यहां सिर्फ दिखती है मनुष्य और नाग के बीच की एक अद्भुत, रहस्यमयी और पवित्र आत्मीयता.
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