सासाराम ग्रामीण. सासाराम निबंधन कार्यालय में सामान्य दिनों के निबंधन के अनुपात इन दिनों जमीन दस्तावेजों के निबंधन में कमी आयी है. इसके साथ-साथ क्रेता व विक्रेताओं की भीड़ भी कम हो गयी है. इसका नतीजा है कि रजिस्ट्री कार्यालय में 30 फीसदी निबंधन में कमी आयी है. प्रतिदिन के अनुपात निबंधन कार्यालय में जमीन रजिस्ट्री कम होने के कारण सरकारी राजस्व का नुकसान हो रहा है. इस संबंध में जिला अवर निबंधन पदाधिकारी ऋषिकेश साहपुरी ने बताया कि बारिश के मौसम के साथ–साथ धान रोपनी के कारण जमीन रजिस्ट्री में हल्की गिरावट आयी है. उन्होंने बताया कि सामान्य दिनों में प्रतिदिन करीब एक सौ भू-दस्तावेजों का निबंधन होता था. लेकिन, गत दो सप्ताह से करीब 70 भू-दस्तावेजों का निबंधन हो रहा है. हालांकि, यह सिलसिला काफी समय तक नहीं चलता है. आगे कुछ दिनों के बाद सामान्य हो जाता है. उन्होंने बताया कि इन दिनो शहरी क्षेत्रों के मकान व जमीनों का खरीद-बिक्री अधिक हो रही है. उधर, विभागीय जानकार बताते है कि बरसात के मौसम में शहरी क्षेत्रों में तो प्लॉट की खरीद-बिक्री हो जाती है. लेकिन, देहात में प्लॉटों में पानी भर जाने के कारण खरीद-बिक्री कम हो जाती है. इसके कारण इसका असर निबंधन कार्यालय पर पड़ता है. इसके साथ लक्ष्य के अनुपात रजिस्ट्री कम होती है. जमीन दस्तावेजों के निबंधन में कमी होने का एक और भी मुख्य कारण है. जमीन निबंधन से पूर्व जमीन की मापी व उक्त जमीन की जांच की जाती है. वह जांच निबंधन कार्यालय के अधिकृत अधिकारी द्वारा प्रक्रिया के तहत जाता है. इस प्रक्रिया के बिना जमीन के दस्तावेज का निबंधन संभव नहीं है. यदि किसी जमीन की रजिस्ट्री हो. उस जमीन में चारों तरफ पानी ही पानी है तो ऐसे में उसका जांच संभव नहीं हो पाता है. जब तक उस भूमि की जांच व सीमांकन सही तरीके से नहीं होता है, उस भूमि की जांच रिपोर्ट के बाद ही जमीन की रजिस्ट्री संभव है. …….सामान्य दिनों में करीब एक सौ होता था दस्तावेजों का निबंधन, अब हो रहा मात्र 70
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