करगहर. पीएचसी को अपग्रेड कर सीएचसी में बदल दिया गया. सीएचसी के भवन निर्माण में चार करोड़ रुपये खर्च हो गये. लेकिन, अब भी मरिजों को पीएचसी की सुविधा ही मिल रही है. सीएचसी का निर्माण बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉर्पोरेशन लिमिटेड अधिकृत एजेंसी द्वारा किया गया है. लेकिन, अब यह भवन धीरे-धीरे अपना अस्तित्व जरूर खो रहा है, कई जगह इस भवन में दरारें आ रही हैं तथा इसके दीवार भी टूट रही हैं. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का नया भवन चार मंजिला बने लगभग तीन साल हो गये. इस भवन के निर्माण के बाद अपग्रेड सामुदायिक अस्पताल 30 बेड का हो गया, पर अभी तक पीएचसी की सुविधा होने के कारण छह बेड का अस्पताल संचालित हो रहा है. लोगों की उम्मीद जगी थी कि सीएचसी का मॉडल भवन निर्माण के बाद कई तरह की स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ जायेगी, जैसे अस्पताल में हड्डी, नाक, कान, दांत, सर्जरी समेत कई विभाग के डॉक्टर 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे, पर लोगों की उम्मीदों पर अभी तक पानी फिरा हुआ है. इस संबंध में प्रभारी चिकित्सक पदाधिकारी डाॅ चंदन कुमार ने बताया कि पीएचसी को अपग्रेड कर सीएचसी के नये भवन का निर्माण तो हुआ, लेकिन अभी तक सुविधा पीएचसी की ही दी जा रही है. गौरतलब है कि सीएचसी बनने के बाद ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को काफी राहत मिलती, क्योंकि आज भी गंभीर मामले में लोगों को सासाराम के सदर अस्पताल जाना पड़ता है. सीएचसी अस्पताल में डिजिटल एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, ईसीजी, पैथोलॉजी हर तरह की जांच की सुविधा मरीजों को मिलती हैं. इसके अलावा कई विभाग के चिकित्सक, प्रसूति कक्ष, ऑपरेशन थियेटर और इमरजेंसी सुविधा भी उपलब्ध होती है, पर सरकार व विभाग के उदासीन रवैये के कारण यहां लोगों को हल्की चोट पर भी सदर अस्पताल रेफर कर दिया जाता है. —यहां से लोगों को हल्की चोट पर भी सदर अस्पताल कर दिया जाता रेफर विभाग व सरकार के उदासीन रवैये से लोगों की उम्मीदों पर फिरा पानी
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