डेहरी.
डेहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिले से टेलीमेडिसिन को लेकर प्राप्त लक्ष्य का 283 प्रतिशत मरीजों को उपचार किया गया है. उपचार करने के मामले में डेहरी पीएचसी पूरे जिले में अव्वल हैं. मिली जानकारी के अनुसार, पिछले वित्तीय वर्ष में डेहरी प्राथमिक स्वस्थ्य केंद्र को 10,535 मरीजों को टेलीमेडिसिन के माध्यम से उपचारित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. लक्ष्य के विरुद्ध डेहरी पीएचसी ने 29836 मरीजो को टेलीमेडिसिन के माध्यम से इलाज कराया है.जानकारी के अनुसर, टेलीमेडिसिन सेवा प्रदान करने में नोखा पीएचसी लक्ष्य का 151 प्रतिशत पूरा कर दूसरा स्थान प्राप्त किया. इस प्रकार 90 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर शिवसागर तीसरे स्थान पर, 83 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर अकोढ़ीगोला चौथे स्थान पर, 77.5 प्रतिशत ल्क्ष्य प्राप्त कर संझौली पांचवें स्थान पर, 55.9 प्रतिशि लक्ष्य प्राप्त कर दावथ छठे स्थान पर, 51 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर करगहर सातवें स्थान पर, 45 प्रतिशित लक्ष्य प्राप्त कर कोचस आठवें स्थान पर 39 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर सूर्यपुरा नौवें स्थान पर, 37 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर तिलौथू 10वें स्थान पर, 34.8 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर रोहतास 11वें स्थान पर, 34.3 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर दिनारा 12वें स्थान पर, 31 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर नासरीगंज 13वें स्थान पर, 30 प्रतिशित लक्ष्य प्राप्त कर राजपुर 14वें स्थान पर, 27 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर नौहट्टा 15वें स्थान पर, 23 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर सासाराम 16वें स्थान पर, 23.5 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर काराकाट 17वें स्थान पर, 23.4 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त् कर बिक्रमगंज 18वें व सबसे अंतिम पैदान पर चेनारी पीएचसी ने 21 प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त किया है.पीएचसी के अंतर्गत सात एचडब्ल्यू पर उपलब्ध है सेवाबताया जाता है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डेहरी के अंतर्गत टेलीमेडिसिन की सेवा 07 स्वास्थ्य उपकेंद्र (हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) चिलबिला, बेरकप, सुजानपुर, पीतांबरपुर, पहलेजा, जमुहार व सिधौली में में संचालित है. जहां प्रत्येक कार्य दिवस में सुबह 09 बजे से शाम 05 बजे तक टेलीमेडिसिन के माध्यम से मरीजो को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करायी जा जाती है.
बताया जाता है कि भारत सरकार की ओर से मरीजो को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए इ-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा शुरू की गयी है. इसका मुख्य उद्देश्य है कि ग्रामीण क्षेत्र के वैसे मरीज, जिन्हें नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रेफरल अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल, सदर अस्पताल जाने में समय लगता है. वैसे मरीज जिन्हें उक्त स्वस्थ्य केंद्र तक ले जाने में परेशानी होती है. वैसे मरीज अपने नजदीकी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर जाकर एएनएम के माध्यम से ऑनलाइन चिकित्सिकीय सुविधा ले सकते हैं. चिकित्सक की सलाह पर मरीजों को हेल्थ एंड वेलनेस पर दवा मुफ्त उपलब्ध करायी जाती है.120 प्रकार की दवाएं हैं उपलब्धराज्य सरकार की तरफ से हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर 151 प्रकार की दवाएं रखी जानी हैं. इसके आलोक में जिला दवा भंडार से प्राप्त दवाओं के अनुसार, सभी हेल्थ एंड वैलनेस सेंटरों पर 120 प्रकार से प्रकार की दवाएं उपलब्ध है. ग्रामीण मरीजों को हेल्थ एंड वेलनेस पर आवश्यक दवाएं, पैथोलॉजी जांच, वेलनेस एक्टिविटी भी करायी जा रही है. वहीं, उक्त सेंटर पर प्रत्येक माह में 11 से 16 के बीच स्वास्थ्य मेला और प्रत्येक माह के 21 तारीख को परिवार नियोजन दिवस मनाया जा रहा है. प्रत्येक माह के 09 तारीख को प्रधानमंत्री मंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिला के प्रसव पूर्व जांच की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है.इनसेट
ग्रामीण क्षेत्र के लिए वरदान साबित हो रही टेलीमेडिसिन चिकित्साग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से शुरू की गयी टेलीमेडिसिन (इ-संजीवनी) वारदान साबित हो रही है. इ-संजीवनी के माध्यम प्रखंड में संचालित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) पर मरीजों को विशेषज्ञ चिकित्सकों की चिकित्सिकीय अपने गांवो में ही मिल रही है. जो मरीजों के लिए काफी लाभदायाक है.घर बैठे हो जाता है इलाज , जाने-आने का बच जात खर्चटेलीमेडिसीन सेवा के माध्यम से घर बैठे समस्याओं का समाधान आसानी से संभव हो जाता है. ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले मरीजों को नजदीकी टेलीमेडिसिन स्वास्थ्य केंद्र के माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सकों का परामार्श मिलने से शहर आने-जाने में अनावश्यक खर्च के साथ ही समय की भी बचत हो रही है. इसमें चिकित्सकों द्वारा ऑनलाइन काउंसेलिंग की जाती है. मरीजों के लक्षण व बीमारियों से संबंधित जानकारी लेकर हब में बैठे चिकित्सकों द्वारा तत्काल उचित परामर्श दिया जाता है. इसके साथ ही परामर्श के अनुरूप निःशुल्क दवाएं भी उपलब्ध करायी जा रही हैं. चिकित्सकों का कहना है कि टेलीमेडिसिन स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की एक उभरती हुई टेक्नोलॉजी है, जो चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कर्मियों को इन्फॉर्मेंशन टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए कुछ दूरी पर बैठे रोगी की जांच करने और उसका उपचार करने में मदद करता है.
कहते हैं अधिकारीटेलीमेडिसिन के माध्यम से मरीजों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह मिल रही है. चिकित्सकों की सलाह पर दवाएं भी उपलब्ध करायी जा रही है. पीएचसी डेहरी के अंतर्गत सात एचडब्ल्यूसी संचालित है. उन्होंने बताया कि सभी एचडब्ल्यूसी पर 120 तरह की दवाईयां उपलब्ध है.- डॉ. सुधीर कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, पीएचसी डेहरीडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है