सासाराम नगर. अतिक्रमण पर नगर निगम की चुप्पी से शहर की सड़कों को पैदल चलना भी मुश्किल है. लोग अपनी गाड़ियों से शहर के कई इलाकों में जाने से परहेज करते हैं. दिन में भीड़ और देर रात गलियों में बनी सीढ़ियां इनका रास्ता रोक रही हैं. शहर में घरों के निर्माण के लिए बकायदा बायलॉज बना है. इसी के तहत शहरी क्षेत्र में मकान बनाने के लिए नगर निगम नक्शा पास करता है. लेकिन, निर्माण के दौरान मकान मालिक अपने हिसाब से सभी मकान तैयार कराते हैं. इसकी निगरानी नहीं होती है, जिसकी वजह से शहर जाम की समस्या आम हो गयी है. यही हश्र निगम के विस्तारित क्षेत्र का भी हो रहा है, जिस वार्ड संख्या-07 के तालाब का चयन नगर निगम ने सौंदर्यीकरण के लिए किया है. अब उसी तालाब के एक हिस्से को भरकर अवैध रूप से मकान का निर्माण शुरू हो गया है. इसको लेकर यहां के लोगों ने नगर निगम में कार्य रोकने के लिए आवेदन दिया था. लेकिन, एक माह बीत जाने के बाद भी अब तक निगम ने इसको लेकर कोई कार्रवाई नहीं की है. नगर आयुक्त विकास कुमार ने बताया कि अतिक्रमण संबंधी कोई भी पत्र आने पर नियमानुसार कार्रवाई होती है.
प्रशासन नदी को अतिक्रमणमुक्त कराने में अब तक असफल:
नगर निगम में वार्ड संख्या-09 के रामाशीष सिंह सहित अन्य ने एक परिवाद दायर किया था. 2023 में इस पर सुनवाई करते हुए तत्कालीन नगर आयुक्त ने अमीन से जांच करायी थी. इसमें पाया था कि अतिक्रमण की वजह से नदी का अस्तित्व समाप्त हो गया है. इसको लेकर उन्होंने सदर प्रखंड के सीओ को पत्र लिखा था और नदी को अतिक्रमणमुक्त करने का निर्देश दिया था. लेकिन, दो वर्ष बीत जाने के बाद भी अतिक्रमण उसी प्रकार है, जिसकी शिकायत लोगों ने निगम को की थी. उनके जाने के बाद कई नगर आयुक्त आये. लेकिन, किसी ने भी अबतक कोई कार्रवाई नहीं की.
ठेले वाले जीटी रोड पर वेंडिंग जोन पड़ा सूना:
निगम की चुप्पी की वजह से ही आज लाखों रुपये खर्च कर बना वेंडिंग जोन सूना पड़ा है. पुरानी बस स्टैंड को वेंडिंग जोन बनाया गया था. ताकि जीटी रोड के फुटपाथी दुकानदारों को कारोबार करने में कोई परेशानी न हो. लेकिन, पिछले चार माह में निगम इनको जीटी रोड से हटाने में असफल रहा है.
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