खेत जोतने के लिए पांच किलोमीटर घुम कर पहुंच रहा है ट्रेक्टर
पकड़ी, अमरपुर, नोनियाडिह समेत कई गांव के लोगों को हो रही परेशानीप्रतिनिधि, राजपुर
प्रखंड के पकड़ी गांव के पास काव नदी पर पुल नहीं रहने से खेतों की जुताई व धान गेहूं की ढुलाई में किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके बावजूद भी अधिकारी व जनप्रतिनिधि का इस पर ध्यान नहीं है. नदी पर पुल के अभाव में पकड़ी, नोनियाडीह, अमरपुर, छपरा समेत कई गांव के किसानों को नदी के तटीय इलाकों में खेती करने व सामान लाने ले जाने में परेशानी हो रही है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में खेती ही किसानों की मुख्य आजीविका है. जुलाई से लेकर दिसंबर तक काव नदी में जलस्तर अधिक रहता है. जिस कारण नदी के दूसरे छोर पर खेती करने जाने में काफी परेशानी हो रही है. खेती अब पहले जैसा हल बैल का नहीं रह गया है. पहले जब हल बैल से खेती होती थी, तो बैल नदी तैर कर उस पार हो जाते थे.लेकिन, मशीनीकरण के इस युग में खेती के लिए तरह-तरह के उन्नत उपकरण आ गये हैं. जिन्हें खेतों तक ले जाने में परेशानी हो रही है.
सांसद-विधायक से कई बार गुहार के बाद भी नहीं हुई पहल
पकड़ी गांव के बरदराज कुटिया के महंत सूर्यकांताचार्य जी महाराज, सूर्यदेव साधु, शेषनाथ मिश्रा, बसंत तिवारी, त्रिवेणी तिवारी, राम पदारथ तिवारी, दिनेश तिवारी, लाला दुबे, दयाशंकर दुबे, नंद तिवारी, नागा तिवारी समेत अन्य ने कहा कि काव नदी में पुल निर्माण के लिए सांसद विधायक से कई बार लिखित व मौखिक रूप कहा गया, लेकिनस किसी ने आज तक पहल नहीं किया. अब काव नदी पर पुल का निर्माण गांव का मुख्य मुद्दा बन गया है. पकड़ी गांव के पश्चिमी छोर पर काव नदी पर पुल नहीं होने से खेती के दिनों में पाच किलोमीटर की दूरी तय कर खेत में ट्रैक्टर पहुंच रहे हैं. जिसके चलते किसानों का लागत खर्च बढ़ जा रहा है. किसानों ने कहा कि खेती में मजदूरों की कमी व बदलती जीवनशैली के कारण नदी में पुल का निर्माण किया जाना आवश्यक हो गया है.
क्या कहते हैं अधिकारी
बीडीओ रविराज ने बताया कि ग्रामीण कार्यालय को आवेदन दें. नियमानुकूल उनके आवेदन को पंचायत समिति की बैठक में पारित कराकर उसकी रिपोर्ट सरकार को भेजा जाएगा.
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