तिलौथू. जिले में नारी सशक्तीकरण की ध्वजवाहक परिवर्तन विकास संस्था की सचिव सविता डे का बुधवार की रात हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गयी. उनकी संस्था के सदस्य विनोद कुमार ने बताया कि बुधवार की रात उनकी तबीयत बिगड़ गयी थी. उन्हें अस्पताल ले जाया गया. लेकिन, जहां उन्हें डॉक्टर मृत घोषित कर दिया. सविता डे की मृत्यु की सूचना पर जिला स्तब्ध रह गया. गुरुवार को उनकी शव यात्रा में हुजूम उमड़ पड़ा. सविता डे 1989 ई में पश्चिम बंगाल से अकेले तिलौथू पहुंची थी. यहां की महिलाओं की स्थिति देख, उनके लिए काम शुरू किया. 14 मार्च 1997 को परिवर्तन विकास नामक संस्था की शुरुआत की. जिले में महिला सशक्तीकरण की बुनियाद रखी. महिलाओं को घर की चौखट से बाहर लाया. उन्हें अपने अधिकार, कर्तव्यों व नियम-कानून की जानकारी दी. जिले के करगहर से यदुनाथपुर तक की यात्रा कर महिलाओं को जगाया. अपनी संस्था के बैनर तले महिलाओं को ट्रेनिंग दी. स्वावलंबी व नेतृत्व का गुर सिखाया. अपने कार्यक्षेत्र में बड़ी संख्या में बच्चियों को बाल वधू बनने से बचाया. इन्हें लोग वीरांगना कह कर पुकारते थे. खून दान देने के साथ किया था देहदान सविता डे, स्वयं तो करती ही थी, लोगों को भी खून दान के लिए प्रेरित करती थीं. वे पूर्ण रूप से समाज के लोगों के लिए समर्पित थी. तभी तो 12 सितंबर 2023 को मृत्युपरांत अपना शरीर पटना के दधीचि देहदान समिति को दान कर दिया था. ताकि शरीर भी किसी के काम आ सके. शवयात्रा में उमड़ी भीड़: सविता डे का शव यात्रा जगदेव चौक से निकल बाजार होते हुए सरैया गांव में पहुंची. जहां लोगों ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी. गौरतलब है कि इसी सरैया पंचायत के करीब 500 बच्चियों को इन्होंने गोद ले रखा था. जिनके लालन पालन, शिक्षा आदि की जिम्मेदारी निभाती थीं. शव यात्रा में हंसराज कुमार, सरैया पंचायत के मुखिया संजय चौधरी, उप मुखिया अमित कुमार गुप्ता, शशि भूषण प्रसाद, महेंद्र ओझा, मथुरा सिंह, संतोष कुमार गुप्ता, सुनील गोस्वामी आदि शामिल थे.
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