दुस्साहस. धारूपुर गांव में रॉड से पीटकर दिया घटना को अंजाम
ललकी पुल के नीचे सूखी नहर से बरामद किया गया शवपुलिस के हाथ एक और चुनौती, पुराने दो मामलों में भी अब तक खाली हाथफोटो -20- घटना के बाद धारूपुर के ललकी पुल पर मौजूद भीड़. प्रतिनिधि, बिक्रमगंज.
नगर के धारूपुर गांव में शनिवार रात एक बार फिर अपराधियों ने पुलिस को खुली चुनौती दी. धारूपुर निवासी रोहन यादव के पुत्र सुशील यादव उर्फ भुअर यादव की अपराधियों ने रॉड से पीटकर हत्या कर दी और उसका शव घर से कुछ ही दूरी पर ललकी पुल के नीचे सूखी नहर में फेंक दिया. बताया जा रहा है कि शाम को किसी के फोन पर सुशील घर से निकला था, जिसके बाद वह लौटा ही नहीं. रविवार की सुबह जब परिजनों को जानकारी मिली, तो मौके पर पहुंचकर उन्होंने पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने शव बरामद कर पंचनामा के बाद पोस्टमार्टम के लिए सासाराम भेज दिया. मृतक के पिता के फर्द बयान के आधार पर अज्ञात सहित फोन करने वाले एक संदिग्ध के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है. थानाध्यक्ष ललन कुमार ने बताया कि पुलिस कॉल डिटेल और लोकेशन के आधार पर छानबीन कर रही है और जल्द ही हत्यारों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है. हालांकि, पुलिस के अनुसार मृतक का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, जिससे यह सवाल उठता है कि आखिर किसने और क्यों बुलाकर उसकी हत्या की? बता दें कि यह वही ललकी पुल है, जहां पिछले वर्ष 20 जुलाई 2024 को दो युवकों की गोली मार हत्या कर दी गयी थी. हालांकि, उस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. लेकिन हाल की दो अन्य घटनाओं में पुलिस पूरी तरह विफल साबित हो रही है.चार मार्च को हुई दीपक और 29 अगस्त को हुई आकाश की हत्या से अब तक नहीं उठा पर्दा
बिक्रमगंज पुलिस के पास दो मामलों में अब तक कोई जवाब नहीं है. इन मामलों में इसी वर्ष चार मार्च को पंचमोरिया के पास बरना गांव निवासी दीपक सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. मौके से हथियार बरामद हुआ था, परंतु पुलिस अब तक मामले को सुलझा नहीं सकी है. वहीं, इसी तरह 29 अगस्त 2024 को तेंदुनी गांव निवासी आकाश गुप्ता की नंग-धड़ंग लाश उसके घर के पास तालाब से बरामद हुई थी. पुलिस अब तक यह पता नहीं लगा पायी कि आकाश की मौत दुर्घटना थी या हत्या.पुलिस पर उठते सवाल
लगातार हो रही हत्याओं और आधे-अधूरे रह गये जांच के मामलों ने स्थानीय पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिये हैं. क्या पुलिस इन मामलों को गंभीरता से ले रही है? आखिर क्यों अब तक कई हत्याओं के सुराग नहीं मिल पाये? ललकी पुल और आसपास के इलाके में बढ़ती आपराधिक घटनाएं अब पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बना रही हैं. नागरिकों को सुरक्षा देने की जिम्मेदारी पुलिस की है, लेकिन अपराधियों के हौसले बुलंद और पुलिस के हाथ खाली नजर आ रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है