Bihar News: बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद पुलिस और ग्रामीणों के बीच तनावपूर्ण घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. सासाराम के बिक्रमगंज थाना क्षेत्र के दुर्गाडीह गांव में रविवार शाम उत्पाद विभाग की टीम पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया. इस दौरान एक वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया गया, हालांकि किसी पुलिसकर्मी को चोट नहीं आई.
छापेमारी के दौरान बढ़ा विवाद
जानकारी के मुताबिक, उत्पाद विभाग की टीम गांव के हरेश राम के घर छापेमारी करने पहुंची थी. ग्रामीणों का आरोप है कि टीम ने घर में तोड़फोड़ की और सामान अस्त-व्यस्त कर दिया. उनका यह भी दावा है कि हरेश राम का शराब के अवैध धंधे से कोई संबंध नहीं रहा और वे बाहर रहकर काम करते हैं.
स्थानीय लोगों के मुताबिक, पुलिस जब कोई आपत्तिजनक सामान नहीं ढूंढ पाई, तो उन्होंने घर की महिलाओं से सख्ती से पूछताछ की और कथित रूप से दुर्व्यवहार किया. इसके बाद ग्रामीण नाराज हो गए और भारी संख्या में इकट्ठा होकर विरोध करने लगे.
गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस वाहन को घेरा
आक्रोशित भीड़ ने उत्पाद विभाग की टीम का घेराव कर लिया. स्थिति बिगड़ती देख टीम के दो वाहन वहां से निकलने में सफल रहे, लेकिन एक स्कॉर्पियो को भीड़ ने घेर लिया और उसे क्षतिग्रस्त कर दिया. घटना की सूचना मिलते ही बिक्रमगंज थाना पुलिस मौके पर पहुंची और काफी मशक्कत के बाद हालात को काबू में किया.
क्या बोले अधिकारी?
उत्पाद निरीक्षक भिखारी कुमार ने बताया कि इस घटना में कोई भी पुलिसकर्मी घायल नहीं हुआ है और पूरे मामले की जांच की जा रही है कि आखिरकार ऐसी स्थिति क्यों बनी. वहीं, बिक्रमगंज थानाध्यक्ष ललन कुमार ने कहा कि उत्पाद विभाग की टीम सादे कपड़ों में थी, जिससे ग्रामीणों को शक हुआ और उन्होंने विरोध शुरू कर दिया.
ये भी पढ़े: बेटा फेल हो जाएगा! रिजल्ट सुधारने का झांसा देकर ऐंठे लाखों, बिहार में ऐसे खुली साइबर ठगी की पोल
ये भी पढ़े: ईंट भट्ठे के पीछे छिपाकर रखी थी 209 कार्टून विदेशी शराब, पुलिस ने शराब माफियाओं पर कसा शिकंजा
शराबबंदी के बीच बढ़ते विवाद
बिहार में शराबबंदी के बाद पुलिस की छापेमारी को लेकर अक्सर विवाद सामने आते रहते हैं. ग्रामीणों का आरोप रहता है कि कई बार निर्दोष लोगों को भी पुलिस के निशाने पर लिया जाता है, जबकि प्रशासन का दावा है कि वे कानून के मुताबिक ही कार्रवाई करते हैं.