सुस्ती. लोक शिकायत निवारण का नहीं मिल रहा लाभ, परिवादी निराश
बुडको का पानी नहीं पहुंचा वार्ड 39 में, फिर भी वाद हुआ समाप्त, परिवादी पहुंचे प्रमंडल आयुक्त के पासप्रतिनिधि, सासाराम नगर
लोक शिकायत निवारण अधिनियम को सरकार ने 2016 में पूरे राज्य में लागू कर लोगों की शिकायतों के समाधान का अवसर दिया था. किसी सरकारी सेवक के खिलाफ शिकायत हो या योजनाओं के लाभ से जुड़ा मामला, सब में निश्चित समयसीमा में कार्रवाई की जाती थी. लेकिन, अब इसका लाभ लोक को नहीं मिल रहा है. उनकी शिकायतें निष्पादित हो जा रही हैं, पर समस्या बरकरार रह रहा है. शिकायतों को दूर करने में लोक शिकायत निवारण कार्यालय जिले में प्रभावशाली साबित नहीं हो रहा है. अगर प्रभावशाली होता, तो वार्ड संख्या-39 में पानी की समस्या दुरुस्त हो जाती और परिवादी को प्रमंडलीय आयुक्त के पास परिवाद दायर करने की जरूरत नहीं पड़ती. वार्ड संख्या-39 के पार्षद संजय कुमार वर्मा ने लोक शिकायत निवारण में अक्तूबर 2024 में परिवाद दायर किया था, जिसमें उन्होंने जिक्र किया था कि मेरे वार्ड में बुडको का सप्लाइ वाटर नहीं पहुंच रहा है, जिससे कई मुहल्लों के लोग पेयजल संकट का सामना कर रहे हैं. इस परिवाद को लेकर लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी का कार्यालय ने परिवाद निष्पादित कर दिया है. परिवाद के निष्पादन में लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने लिखा है कि प्राप्त परिवाद के आलोक में लोक प्राधिकार के रूप में कार्यपालक अभियंता, बुडको को सूचना निर्गत कर प्रतिवेदन की मांग किया, जिसके उपरांत परियोजना निदेशक, बुडको रोहतास व कैमूर से पत्रांक 477 दिनांक 30 दिसंबर 2024 के माध्यम से प्रतिवेदित किया गया है कि परिवाद के आलोक में वार्ड संख्या-39 में हुई जलापूर्ति की समस्या को ठीक कराने के लिए संबंधित एजेंसी को पत्र के माध्यम से निदेशित किया गया है. प्राप्त प्रतिवेदन से परिवादी को अवगत कराया गया. एजेंसी से प्राप्त प्रतिवेदन से यह प्रतीत होता है कि संबंधित एजेंसी ने वार्ड में जलापूर्ति से संबंधित सभी समस्याओं का निराकरण कराते हुए पूर्ण रूप से जलापूर्ति बहाल करने को निदेशित किया गया है. प्राप्त प्रतिवेदन स्वत: स्पष्ट है. लोक प्राधिकार से अपेक्षा की जाती है कि प्रासंगिक मामले में रूचि लेते हुए परिवाद का निराकरण कराना सुनिश्चित करेंगे. परिवाद की कार्रवाई समाप्त की जाती है.नहीं हुआ समस्या का समाधान
परिवादी संजय कुमार वर्मा ने बताया कि परिवाद दायर करने के बाद बुडको के अधिकारियों का फोन समस्या के समाधान के लिए आया था. इसके अलावा संबंधित एजेंसी के लोग भी आये थे. लेकिन, समस्या का निराकरण नहीं हुआ. अब भी समस्या जस की तस बनी हुई है. पेयजल संकट को दूर करने के लिए मैंने प्रमंडल आयुक्त कार्यालय में परिवाद दायर किया है, जिसकी सुनवाई के लिए पहली तिथि 20 जून को निर्धारित की गयी है.खनन पदाधिकारी का भी मामला लोक शिकायत में लंबित
लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के पास खनन पदाधिकारी की शिकायत पहुंची है. एक व्यक्ति ने जनहित का मामला बताते हुए लोक शिकायत निवारण में शिकायत दर्ज करायी है कि खनन पदाधिकारी की मिलीभगत से पर्यावरण अनुमति क्षेत्र के बाहर अवैध रूप से खनन किया जा रहा है. व्यक्ति ने अपने शिकायत में लिखा है कि नासरीगंज स्थित अमियावर बालू घाट (मां सीता कंस्ट्रक्शन प्रा ली) व डेहरी स्थित मकराईन बालू घाट में खनन का कार्य पर्यावरण क्षेत्र से बाहर किया जा रहा है. इससे न केवल पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन हो रहा है. बल्कि अवैध खनन व ओवरलोडिंग के कारण सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है. इस कार्य में जिला खनन पदाधिकारी की मौन सहमति प्राप्त है. क्योंकि उन्हें इस कार्य के संबंध में कई माध्यमों से अवगत कराया गया है.241 मामलों पर चल रही कार्रवाई
फिलहाल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के पास 241 मामलों पर कार्रवाई चल रही है. परिवाद के रूप में 121 मामले और अपील के 120 मामले कार्यालय में पड़े हैं. मामलों की सुनवाई के संबंध में जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी रामबाबू ने बताया कि परिवादों के निष्पादन के लिए संबंधित विभाग को पत्र लिखा जाता है. उसी पत्र के आलोक में परिवाद का निष्पादन कर दिया जाता है. अगर परिवादी संतुष्ट नहीं होते हैं, तो फिर अपील कर सकते हैं. लोक शिकायत कार्यालय की ओर से स्थल सहित अन्य चीजों की जांच नहीं की जाती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है