बिक्रमगंज. सावन का महीना सिर्फ बारिश की बूंदों से ही नहीं, बल्कि नारी शृंगार की कोमल अभिव्यक्तियों से भी सराबोर होता है. हरियाली तीज और शिव भक्ति के इस पावन अवसर पर जब संपूर्ण प्रकृति शृंगारित होती है, तब महिलाओं और बालिकाओं के हाथों पर रची मेंहदी मानो शृंगार की आत्मा बन जाती है. इसी सांस्कृतिक भावना को साकार करते हुए बिक्रमगंज स्थित द डिवाइन प्राइमरी स्कूल में सावन के दूसरे सोमवार को मेहंदी प्रतियोगिता का रंगारंग आयोजन किया गया. प्रतियोगिता में कक्षा छठी से आठवीं तक की छात्राओं ने भाग लेकर अपने हाथों पर पारंपरिक डिजाइनों की सुंदर छवियां उकेरीं. कहीं बेल-बूटों में नारी भावनाओं की झलक दिखी, तो कहीं रचनात्मकता ने संस्कारों को आकृतियों में ढाल दिया. बच्चों में जबर्दस्त उत्साह देखने को मिला और आपसी सराहना ने प्रतियोगिता को सहयोग और सौहार्द्र का रूप दे दिया. इस आयोजन का उद्देश्य केवल एक कलात्मक प्रतियोगिता तक सीमित नहीं था, बल्कि इसके माध्यम से छात्राओं को भारतीय परंपराओं और नारी शृंगार की सांस्कृतिक गरिमा से जोड़ना भी था. निर्णायक मंडल ने प्रतिभागियों की रचनाओं को सौंदर्य, सृजनशीलता और सफाई के मानदंडों पर परखा. प्रतियोगिता में कक्षा आठ की निकिता कुमारी ने अपनी सधी हुई रेखाओं और कलात्मक संतुलन से पहला स्थान प्राप्त किया. पीहू कुमारी (कक्षा 8) को दूसरा स्थान मिला, जबकि उजमा प्रवीन और दुर्गा कुमारी (कक्षा 6) ने संयुक्त रूप से तीसरा स्थान प्राप्त कर सराहना पायी. विद्यालय के प्रबंधक कमलेश कुमार ने सभी विजेताओं को सम्मानित करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन बालिकाओं की प्रतिभा को एक सकारात्मक दिशा देते हैं और हमारे सांस्कृतिक मूल्यों को नयी पीढ़ी तक पहुंचाते हैं. कार्यक्रम में शिक्षक और कई अभिभावकों की सक्रिय उपस्थिति ने छात्राओं के उत्साह को नयी ऊंचाई दी. ..द डीपीएस प्राइमरी स्कूल में मेहंदी प्रतियोगिता में निखरी पारंपरिक छटा
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