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धीरे-धीरे गायब होता जा रहा काव नदी का ऐतिहासिक पुल

Sasaram news. आरा-सासाराम मुख्य मार्ग पर स्थित काव नदी का ऐतिहासिक पुल अब धीरे-धीरे गायब होता जा रहा है. 1910 में बना यह पुल कभी इस इलाके की जीवनरेखा माना जाता था.

114 साल पुराना यह पुल कभी आरा-सासाराम रोड की लाइफलाइन थाअसुरक्षित और बेकार हो चुकी है पूरी संरचना, इसका लोहा हो रहा चोरी

फोटो -9- 1910 में बना काव नदी का पुल. प्रतिनिधि, बिक्रमगंज. आरा-सासाराम मुख्य मार्ग पर स्थित काव नदी का ऐतिहासिक पुल अब धीरे-धीरे गायब होता जा रहा है. 1910 में बना यह पुल कभी इस इलाके की जीवनरेखा माना जाता था. वर्षों तक इस पुल ने हजारों यात्रियों और वाहनों को सुविधा दी, लेकिन 1987 की भयानक बाढ़ ने इसकी संरचना को गंभीर क्षति पहुंचायी. इसके बाद प्रशासन की ओर से नये पुल के निर्माण की योजना बनी और कुछ वर्षों बाद नया पुल बनकर तैयार हो गया. तब से यह पुराना पुल पूरी तरह उपेक्षित हो गया. वर्तमान में इसकी हालत इतनी खराब हो चुकी है कि तस्वीरों में भी यह एक जर्जर खंडहर जैसा प्रतीत होता है. पुल की सतह जगह-जगह से टूटी हुई है, नीचे से लोहे का गार्डर बाहर झांक रहा है. पूरी संरचना अब असुरक्षित और बेकार हो चुकी है. इसकी सुरक्षा व्यवस्था के अभाव में यह पुल अब चोरों के लिए आसान शिकार बन चुका है. यह स्थिति उस घटना की याद दिलाती है, जब नासरीगंज के अमियावर नहर पुल को धीरे-धीरे काट कर चुरा लिया गया था. जब प्रशासन को खबर लगी, तब तक पुल का नामोनिशान मिट चुका था. जांच में कई नामचीन लोगों के नाम सामने आये थे और कटे लोहे के पुर्जे कबाड़ी की दुकान से बरामद हुए थे.

लोहा चोरी करने में एक युवक हो चुका है गिरफ्तार

अमियावर नहर पुल की तरह ही काव नदी का यह पुल भी उसी दिशा में बढ़ रहा है. इसकी रेलिंग पहले ही चुरायी जा चुकी है और अब पुल पर लगे बचे हुए लोहे और कीमती लकड़ी को भी निशाना बनाया जा रहा है. कुछ वर्ष पहले इसी पुल की बगल में बने नये पुल से बीएसएनएल का लाखों रुपये मूल्य का केबल भी चोरी हो गया था. हाल ही में इसी पुराने पुल से लोहे को काटते हुए असगर अंसारी नामक एक युवक को स्थानीय लोगों ने पकड़ा और पुलिस के हवाले कर दिया. आरोपित पुल के पास का ही निवासी है, जिससे संदेह गहराता है कि इस चोरी में आसपास के लोग भी शामिल हो सकते हैं. थानाध्यक्ष ललन कुमार ने बताया कि आरोपित को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. स्थानीय लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि पुल को संरक्षित किया जाये और इसके आसपास सुरक्षा का इंतजाम हो, ताकि यह ऐतिहासिक धरोहर पूरी तरह से इतिहास न बन जाये.

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