मंडलकारा में बंदियों की विभिन्न समस्याओं की हुई स्क्रीनिंग फोटो-6- मंडलकारा में बंदियों के स्वास्थ्य की जांच करते चिकित्सक. प्रतिनिधि, सासाराम सदर सासाराम मंडलकारा परिसर में सोमवार को चिकित्सकों की विशेष टीम ने मेडिकल कैंप आयोजित किया. इसमें वरिष्ठ नैदानिक मनोवैज्ञानिक डॉ विप्लव कुमार सिंह व केस प्रबंधक सह कम्यूनिटी नर्स प्रियंका कुमारी ने मंडलकारा के कैदियों की बाइपोलर डिसऑर्डर, डिमेंशिया, डिस्थीमिया, डिप्रेशन, सिजोफ्रेनिया लत संबंधी विकार, ओसीडी, पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर, फोबिया, इटिंग डिसऑर्डर, पैरानोइया डिसऑर्डर, सोमेटोफॉर्म डिसऑर्डर व पर्सनालिटी आदि समस्याओं की स्क्रीनिंग की. इस दौरान मनोचिकित्सकों ने कैदियों को ट्रिपल एम की परिभाषा देते हुए कहा कि पहला एम का मतलब मेडिसिन यानी नियमित मेडिकल जांच के साथ दवा का सेवन करना चाहिए. दूसरा मेडिटेशन यानी एकाग्रता, ध्यान, योग, भ्रम-विभ्रम पर नियंत्रण की कला को विकसित करना और तीसरा मैनेजमेंट यानी पति-पत्नी, माता-पिता, भाई-बहन, दोस्त आदि से रिश्ते व व्यवहार को समझना और उसके अनुरूप अपने दायित्व को निभाने का अभ्यास करने के साथ दैनिक दिनचर्या व नियमित खानपान पर नियंत्रण रखना चाहिए. चिकित्सकों ने बंदियों को सुझाव देते हुए कहा कि अगर कोई किसी तरह की तकलीफ या गम में हो, तो दुख प्रेम के भाव पर लचीलापन व नियंत्रण रखना चाहिए. तीनों एम की परिभाषा पर अमल करने से मानसिक समस्याओं से निजात दिलाने की क्षमता में वृद्धि होती है. डॉ विप्लव ने बंदियों से कहा कि आप तीनों एम की परिभाषा पर नियमित अमल करें. इसमें थोड़ी सी चूक उपचार के प्रक्रिया को लंबा कर सकता है. इसलिए मानसिक बीमारी के प्रति जागरूकता निजात पाने का आखिरी विकल्प है. शिविर में जेल अधीक्षक सुजीत कुमार राय, सहायक उपाधीक्षक स्नेहा कुमारी, वरिष्ठ जेल चिकित्सक डॉ विपिन कुमार सिन्हा, फार्मासिस्ट मिथुन कुमार, ललन कुमार, रंजन कुमार, सुरेश प्रसाद, ललन कुमार, मिथुन कुमार, संदीप कुमार, संतोष कुमार सिंह, चंद्रदीप राय आदि मौजूद थे.
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