27 जून तक चलेगा स्वागत सप्ताह, हर दिन नयी थीम के साथ होंगे आयोजनस्वागत में शिक्षकों ने कहा- आपसे फिर मिलकर मन हर्षित हुआफोटो-12- बच्चों का स्वागत करतीं प्राथमिक विद्यालय धनपुरवा की शिक्षिकाएं व अन्य.प्रतिनिधि, सासाराम ऑफिसगर्मी की छुट्टियों के बाद जब सोमवार की सुबह प्राथमिक विद्यालय धनपुरवा में बच्चों के कदम पड़े, तो स्कूल का नजारा किसी उत्सव से कम नहीं था. जैसे ही नन्हे-मुन्ने बच्चे स्कूल के गेट पर पहुंचे, वहां पहले से खड़े शिक्षकों ने उन पर फूलों की वर्षा शुरू कर दी. तिलक से माथा सजाया गया और हाथ जोड़कर स्वागत है की गूंज से पूरा स्कूल परिसर गूंज उठा. यह दृश्य सिर्फ एक स्वागत नहीं, बल्कि एक भावनात्मक पुनर्मिलन था शिक्षकों और छात्रों के बीच. स्कूल की प्रधानाध्यापिका पुष्पा कुमारी ने जैसे ही स्वागत की अगुवाई की, बच्चों के चेहरों पर मुस्कान व चमक एक साथ उभर आई. उन्होंने कहा, छुट्टियों के बाद मिलना बहुत खास होता है. जब आप इतनी गर्मी झेलकर भी मुस्कुराते हुए स्कूल पहुंचे हैं, तो स्वागत तो बनता है.
बच्चों ने भी जताया आभार, छू लिये शिक्षकों के पांव
इस आत्मीय स्वागत से अभिभूत बच्चों ने भी भारतीय परंपरा निभाते हुए शिक्षकों के पांव छुए और उनका आशीर्वाद लिया. स्कूल में कुल 56 बच्चों की उपस्थिति रही, जो छुट्टी के बाद एक प्रेरणादायक शुरुआत मानी जा रही है. कक्षा 1 से 5 तक के छात्र-छात्राएं तथा तीनों शिक्षक और टोला सेवक पूरी तत्परता से उपस्थित रहे.जिलेभर में गूंजा स्वागत का उल्लास
धनपुरवा ही नहीं, बल्कि जिले के अधिकांश स्कूलों में सोमवार को यही नजारा रहा. शिक्षक-शिक्षिकाएं तय समय से पहले स्कूल पहुंचे, लाउडस्पीकर पर प्रेरणादायक गीत बजे और गेट पर खड़े होकर बच्चों का तिलक, मुस्कान और नमस्ते से अभिनंदन किया गया. चेतना सत्र में बच्चों ने कविताएं सुनाईं, प्रेरक प्रसंग साझा किए और नये संकल्पों के साथ नये सत्र में कदम रखा.हर दिन नया उत्सव, हर बच्चा बनेगा खास
शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार 27 जून तक चलने वाले स्वागत सप्ताह के तहत हर दिन बच्चों के लिए कुछ नया है: जहां पहला दिन: गर्मी छुट्टी एक्सप्रेस का होगा, जिसमें बच्चे अपनी छुट्टियों के अनुभव साझा करेंगे. वहीं दूसरा दिन: गृहकार्य एक्सप्रेस का होगा, इसमें हॉलिडे होमवर्क में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों को सम्मान मिलेगा. तीसरा दिन: गणित एक्सप्रेस का होगा, जिसमें खेल व रोचक तरीकों से गणित सिखाया जाएगा. चौथा दिन: रीडिंग एक्सप्रेस का होगा, इसमें बच्चों द्वारा हिंदी पाठ का सामूहिक वाचन किया जाएगा. पांचवां दिन: स्वागत सप्ताह एक्सप्रेस होगा, इसमें चयनित बच्चों को बैच पहनाकर विशेष सम्मान दिया जायेगा.संवाद ही शुरुआत है, आत्मीयता ही ऊर्जा है
स्कूल व छात्रों के इस मिलन समारोह ने यह साफ कर दिया कि शिक्षा सिर्फ किताबों की बात नहीं, रिश्तों का बुनियाद भी है. पुष्प वर्षा, तिलक व मुस्कान के साथ लौटे ये छात्र अब सिर्फ किताबें नहीं, अनुभव भी समेटेंगे और यही इस स्वागत सप्ताह की असली उपलब्धि होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है