गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में कलाकारों का लाइव डेमोंसट्रेशन
कार्यक्रम का समापन 27 जुलाई को, रोजगार सृजन पर होगा फोकस
प्रतिनिधि, सासाराम ऑफिस.
भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के अधीन संचालित हस्तशिल्प सेवा केंद्र पटना के तत्वावधान में गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में शुक्रवार से तीन दिवसीय कार्यशाला की शुरुआत हुई. इस कार्यशाला का उद्देश्य हस्तशिल्प के विकास को लेकर प्रशिक्षण, डिजाइन, विपणन, टूलकिट वितरण, निर्यात और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से छात्र-छात्राओं और स्थानीय हस्तशिल्प में रुचि रखने वाले लोगों को प्रोत्साहित करना है. इस कार्यक्रम का आयोजन पटना मध्य बिहार और दक्षिण बिहार के 21 जिलों में किया जा रहा है. उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति गोपाल नारायण सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय परिवार इस कार्यक्रम को घर-घर तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों से सिलाई-कढ़ाई जैसे प्रशिक्षण कार्य विश्वविद्यालय की ओर से संचालित किये जा रहे हैं. सहायक निदेशक हस्तशिल्प मुकेश कुमार ने जानकारी दी कि यह कार्यक्रम नालंदा विश्वविद्यालय राजगीर, राज्य के नवोदय स्कूल, प्रबंधन संस्थान और कई केंद्रीय स्कूलों में भी सफलतापूर्वक आयोजित किये जा चुके हैं. कार्यशाला में मिथिला पेंटिंग, मधुबनी पेंटिंग, टिकुली पेंटिंग, सुजनी, टेराकोटा, बंबू सामग्री और पाषाण सामग्री जैसी कलाओं का लाइव डेमोंसट्रेशन राज्य के प्रतिष्ठित कलाकारों कर रहे हैं. कार्यक्रम का समापन 27 जुलाई को होगा. इस दौरान विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं के साथ आसपास के पुरुष और महिला प्रतिभागियों को भी विभिन्न कलाओं का प्रशिक्षण दिया जायेगा, ताकि वे रोजगार सृजन में आगे बढ़ सकें. इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ महेंद्र कुमार सिंह और टिकुली पेंटिंग में पद्मश्री प्राप्त विश्वास उपस्थित रहे. कार्यक्रम का संयोजन टीसीएस लैब प्रभारी ओम प्रकाश सिंह ने किया.
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