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सभी स्कूलों में योग संगम के रूप में मनेगा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

Sasaram news. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) को लेकर सासाराम सहित पूरे जिले में तैयारियां जोरों पर हैं. जिले के सभी प्रखंडों, स्कूलों व सामाजिक संगठनों की ओर से सामूहिक योग सत्र, जनजागरूकता रैलियां, विशेष योग कार्यशालाएं, स्कूलों में पोस्टर प्रतियोगिताएं व ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया जायेगा.

तन-मन के त्रिवेणी संगम का पर्व. एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य थीम पर आयोजन21 जून को योग दिवस पर सभी स्कूलों में बच्चों की अनिवार्य भागीदारी

डीइओ ने जारी किये दिशा-निर्देश, सुबह 6:30 बजे से 7:45 बजे तक होगा योगाभ्यासप्रतिनिधि, सासाराम ऑफिसअंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) को लेकर सासाराम सहित पूरे जिले में तैयारियां जोरों पर हैं. जिले के सभी प्रखंडों, स्कूलों व सामाजिक संगठनों की ओर से सामूहिक योग सत्र, जनजागरूकता रैलियां, विशेष योग कार्यशालाएं, स्कूलों में पोस्टर प्रतियोगिताएं व ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया जायेगा. जिला प्रशासन ने इन कार्यक्रमों के संचालन के लिए दिशा-निर्देश जारी किये हैं. जिले के सभी सरकारी व निजी स्कूलों में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस योग संगम के रूप में मनाया जायेगा. जिला शिक्षा पदाधिकारी के निर्देशानुसार यह आयोजन सुबह 6:30 बजे से 7:45 बजे तक किया जायेगा. इसमें स्कूलों को खोलकर बच्चों, शिक्षकों व अभिभावकों की उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी. भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा निर्धारित कॉमन योगा प्रोटोकॉल (सीवाइपी) के अनुसार योगाभ्यास कराया जायेगा. स्कूलों को यह प्रोटोकॉल आइडीवाइ पोर्टल से डाउनलोड कर क्रियान्वयन करना है. इस वर्ष की थीम एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग रखा गया है. डीईओ के निर्देशानुसार प्रत्येक स्कूल को https://yoga.ayush.gov.in/yoga-sangam लिंक पर जाकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा. कार्यक्रम के बाद रिपोर्ट तैयार कर संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को दोपहर तीन बजे तक भेजनी होगी. इसके बाद सभी बीईओ विभागीय वाट्सएप ग्रुप पर समेकित प्रतिवेदन साझा करेंगे. गौरतलब हो कि सरकारी विभागों, शिक्षण संस्थानों, सामाजिक संगठनों और नागरिक समाज के संयुक्त प्रयासों से इस बार योग दिवस को केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि जन-जागरूकता और आत्म शुद्धि के पर्व के रूप में मनाने की दिशा में सार्थक पहल हो रही है. यह दिन भारतीय संस्कृति के उस पवित्र दर्शन का स्मरण कराता है, जिसमें तन, मन और आत्मा का त्रिवेणी संगम समाहित है. आज जब समाज शारीरिक और मानसिक स्तर पर विविध चुनौतियों से जूझ रहा है, योग एक व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन की दिशा बन चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से 2015 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय योग दिवस ने भारतीय चिंतन और जीवनशैली को वैश्विक मंच पर स्थापित कर दिया है. योग अब केवल स्वास्थ्य साधना नहीं, बल्कि एक आत्मसंवाद और संतुलन की पद्धति है, जिसे विश्व भर में अपनाया जा रहा है.

योग केवल व्यायाम नहीं, संपूर्ण जीवन दर्शन है

योग के आठ अंग यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि जीवन को संतुलित और सार्थक बनाने की वैज्ञानिक एवं आध्यात्मिक प्रणाली हैं. अंतरराष्ट्रीय योग खिलाड़ी नवल किशोर सिंह का कहना है, योग केवल शरीर को लचीला और स्वस्थ नहीं बनाता, यह आत्मबल का स्रोत है. यह व्यक्ति को मानसिक स्थिरता, आत्म-विश्वास और भावनात्मक संतुलन प्रदान करता है. उन्होंने युवाओं से अपील की कि डिजिटल युग की व्यस्तता में योग ही ऐसा साधन है जो भीतर की ओर लौटने की शक्ति देता है.

स्वास्थ्य ही नहीं, मानसिक शांति भी देता है योग

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि प्रतिदिन केवल 30 मिनट योग किया जाए, तो मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापा और अवसाद जैसी बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है. ध्यान और जप मानसिक विकारों जैसे तनाव, चिंता और अनिद्रा के लिए अत्यंत प्रभावी उपाय हैं. ध्यान चित्त को स्थिर करता है, जबकि जप मन को एकाग्र बनाता है. मन शांत होगा, तभी जीवन में सच्चा संतुलन आयेगा.

हर आयु वर्ग के लिए लाभकारी है योग

अंतरराष्ट्रीय योग खिलाड़ी कहते हैं कि योग किसी एक वर्ग, उम्र या लिंग की सीमा में नहीं बंधा. बच्चे, युवा, महिलाएं, वरिष्ठ नागरिक सभी के लिए यह समान रूप से लाभकारी है. नियमित योगाभ्यास से न केवल जीवन में ऊर्जा और अनुशासन आता है, बल्कि मानसिक स्पष्टता और आत्म-चेतना भी विकसित होती है. आज की तेज रफ्तार दुनिया में योग आत्ममंथन और आत्म निर्माण का सशक्त माध्यम बन चुका है. जब समाज असंतुलन और अशांति के दौर से गुजर रहा हो, तब योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि चेतना का विस्तार है. यह हमें हमारी जड़ों से जोड़ता है और जीवन को अनुशासित करता है. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस केवल तिथि नहीं, बल्कि आत्म-स्वास्थ्य का व्रत बन जाए, यही इसकी सार्थकता होगी. आइए, इस योग दिवस पर हम यह संकल्प लें कि योग को केवल एक दिन तक सीमित न रखें, बल्कि इसे अपनी दिनचर्या में स्थान दें. क्योंकि योग ही है, जो तन, मन और समाज तीनों को एक डोर में पिरोता है.

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