प्रतिनिधि, करजाईन हरिराहा पंचायत के वार्ड नौ में विनोद झा द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में दिन प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. कथा के तीसरे दिन कोसी क्षेत्र के प्रख्यात कथा वाचक आचार्य धर्मेंद्रनाथ मिश्र कहा कि हिरण्यकश्यपु और हिरण्याक्ष जैसे उपद्रवी राक्षस से निवृत्ति के लिए ब्रह्माजी ने भगवान से प्रार्थना की. तब वाराह भगवान ने हिरण्याक्ष का संहार किया. भगवान वाराह के प्रसंग में उन्होंने पृथूजी महाराज का चरित्र, प्रियव्रत और उत्तानपाद का चरित्र व ध्रुव का चरित्र उत्साह पूर्वक सुनाया. ध्रुव के कथा के माध्यम से उन्होंने कहा कि किस प्रकार एक पुत्र अपने पिता के गोद में प्रेम करना चाहता है, लेकिन उसकी सौतेली मां सुरुचि के द्वारा हाथ पकड़ कर के उठा दिया. ध्रुव ने देवर्षि नारद की प्रेरणा से द्वादसाक्षर मंत्र का जाप किया. भगवान ने ध्रुव को वरदान दिया. वरदान के प्रताप से 36 हजार वर्ष तक ध्रुव अकंटक राज किये, ध्रुवतारा बनकर आकाश मंडल में विराजमान हो गये. कथा के आयोजन में विनोद झा, रंभा देवी, अमरेंद्र झा, अरविंद झा, अमोल झा, रंगनाथ झा, विकास झा आदि शामिल रहे.
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