प्रतिनिधि, जदिया
जदिया थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों में नशे का प्रचलन तेजी से बढ़ता जा रहा है, जिससे युवा वर्ग का जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. नशे की आसान उपलब्धता और इससे जुड़ी ढील के कारण गांवों में नशे की समस्या विकराल रूप लेती जा रही है. स्थानीय लोगों और समाजसेवियों ने इसे गंभीर सामाजिक संकट बताते हुए प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है. गौरतलब है कि बिहार में शराबबंदी लागू हुए नौ वर्ष पूरे हो चुके हैं. लेकिन शराब पर प्रतिबंध के बाद अब अन्य मादक पदार्थों जैसे कोडिन युक्त कफ सिरप, गांजा, स्मैक और ब्राउन शुगर का चलन बढ़ा है. विशेषज्ञों का मानना है कि शराब के विकल्प के रूप में इन सूखे नशों ने युवाओं को तेजी से अपनी चपेट में लिया है, क्योंकि इनके सेवन पर त्वरित कानूनी कार्रवाई की आशंका कम रहती है.युवा वर्ग हो रहा बर्बादी की कगार पर
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि नशे के आदि युवक अपने परिवार को भूखे मरने की स्थिति में छोड़ जाते हैं, जिससे उनके मासूम बच्चों को कम उम्र में ही मजदूरी करनी पड़ती है. यह एक सामाजिक विडंबना है, जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता. मानसिक असंतुलन और आपराधिक प्रवृत्ति में भी नशे के प्रभाव को देखा जा रहा है. चोरी, लूटपाट जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं, जिनमें अधिकतर युवक शामिल पाए जा रहे हैं.प्रशासन की कार्रवाई नाकाफी, सप्लाई चेन तोड़ने की जरूरत
हालांकि पुलिस-प्रशासन द्वारा समय-समय पर छापेमारी और गिरफ्तारी की कार्रवाई होती रही है, लेकिन नशीले पदार्थों की सप्लाई चेन अब भी कायम है. स्थानीय लोगों ने मांग की है कि प्रशासन को इन नेटवर्क्स को जड़ से खत्म करना होगा, तभी युवा पीढ़ी को नशे के दलदल से बाहर निकाला जा सकेगा. समाजसेवियों ने कहा है कि नशे की लत युवाओं को मुख्यधारा से दूर कर रही है. उन्हें सही दिशा में लाने के लिए सिर्फ सख्ती नहीं, बल्कि जागरूकता और सहयोग की भी जरूरत है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों, पंचायत प्रतिनिधियों और स्कूलों के माध्यम से सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है.नशा मुक्ति अभियान को चाहिए स्थायित्व
स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने सरकार से अपील की है कि नशा मुक्ति अभियान केवल औपचारिकता न बनकर, एक निरंतर प्रक्रिया होनी चाहिए. स्कूलों, कॉलेजों और पंचायत स्तर पर नशे के खिलाफ कार्यशालाएं, रैली, पोस्टर अभियान और काउंसलिंग जैसे ठोस कदम उठाए जाएं.लगातार की जा रही छापामारी : एसपी
नशा मुक्ति अभियान को सफल बनाने को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा लगातार छापामारी कर तस्करों को पकड़ा जा रहा है. तस्कर को सजा भी दिलायी जा रही है. समाज के लोगों को भी सजग होने की जरूरत है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है