Bihar Flood: सुपौल में कोसी नदी की पूर्वी कोसी मुख्य नहर के 14 आरडी के समीप, नहर के पश्चिमी तटबंध पर लगभग 10 मीटर लंबा किनारा अचानक ढह गया, जिससे आसपास के क्षेत्रों में खतरे की स्थिति उत्पन्न हो गई. यह घटना गुरूवार को सामने आई जब स्थानीय ग्रामीणों और विभागीय मौसमी मजदूरों ने कटाव को देखा और तुरंत सिंचाई विभाग को सूचना दी. सिंचाई विभाग ने युद्धस्तर पर मरम्मत कार्य शुरू किया.
सूचना मिलते ही पहुंचे इंजीनियर और अधिकारी
कोसी मुख्य नहर के किनारे ढहने की सूचना मिलते ही सिंचाई प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता राजेश कुमार, एसडीओ और कनीय अभियंता मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. त्वरित निरीक्षण के बाद अधिकारियों ने कटाव-निरोधात्मक कार्यों को युद्धस्तर पर शुरू करने का निर्देश दिया.
स्थानीय मजदूरों के आरोप
स्थानीय मजदूरों ने बताया कि नहर के समुचित रख-रखाव के अभाव में यह कटाव हुआ है. पहले जहां 18 मौसमी मजदूर तैनात थे, अब विभाग द्वारा इनकी संख्या घटाकर मात्र 06 कर दी गई है. ऐसे में तीन शिफ्टों में नहर की लंबी दूरी का रखरखाव, स्वील्स गेट का संचालन और जलस्तर की निगरानी मुश्किल हो गई है.
तटबंध टूटने की वजह
मजदूरों के अनुसार, स्वील्स गेटों का सही संचालन न हो पाने के कारण नहर के किनारे पर जलस्तर का दबाव तेजी से बढ़ा, जिससे तटबंध टूट गया. सिंचाई प्रमंडल के एक्सक्यूटिव इंजीनियर राजेश कुमार ने बताया कि क्षतिग्रस्त स्थल की गहनता से जांच की गई है. स्थल पर मानव बल और जेसीबी मशीन लगाकर एनसी बोरे से भराई का कार्य किया जा रहा है ताकि कटाव को रोका जा सके और नहर की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
एक्सक्यूटिव इंजीनियर ने भी मजदूरों की कमी होने की मजबूरी बतायी
एक्सक्यूटिव इंजीनियर ने यह भी बताया कि मौसमी मजदूरों की कमी की समस्या को लेकर विभाग को कई बार पत्राचार किया गया है, लेकिन अब तक किसी प्रकार का आदेश प्राप्त नहीं हुआ है. फिलहाल आपात स्थिति से निपटने के लिए मौजूद संसाधनों से कार्य कराया जा रहा है.