सुपौल गवर्नेंस में पारदर्शिता और जवाबदेही को मजबूत आधार देने वाले बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 ने एक बार फिर आम नागरिक को उसका वाजिब अधिकार दिलाकर जनविश्वास को और सशक्त किया है. इसी कड़ी में वीरपुर अनुमंडल क्षेत्र के परमानंदपुर निवासी भोगानंद मंडल को वर्षों से लंबित समस्या का त्वरित और विधिसम्मत समाधान प्राप्त हुआ है. भोगानंद मंडल पिछले कई महीनों से सरकारी सड़क को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए राघोपुर अंचल कार्यालय का चक्कर लगा रहे थे, परंतु समाधान नहीं मिल पा रहा था. अंततः उन्होंने 17 जुलाई 2025 को परिवाद संख्या 506410217072505471 के तहत अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, वीरपुर के समक्ष शिकायत दर्ज कराई. शिकायत मिलते ही लोक शिकायत निवारण कार्यालय ने तत्परता से कार्रवाई की और संबंधित लोक प्राधिकार-सह-अंचल अधिकारी, राघोपुर को आवश्यक निर्देश भेजे. इसके बाद 31 जुलाई 2025 को पत्रांक 1726 के माध्यम से अंचल अधिकारी ने सूचित किया कि परिवादी द्वारा उल्लिखित भूमि (मौजा परमानंदपुर, खाता 19, खेसरा 740, रकवा 21.736 डिसमिल) ऑनलाइन पंजी-II में दर्ज है, जिसका उपयोग वह जोत-आवाद के रूप में कर रहे हैं. इस भूमि के आगे स्थित सरकारी रास्ते को देवेन्द्र पासवान द्वारा बांस-बल्ला लगाकर अवरुद्ध किया गया था, जिसे प्रशासनिक सहयोग से मुक्त करा दिया गया है. वर्तमान में रास्ता पूरी तरह से चालू है. इस समीचीन समाधान से भोगानंद मंडल अत्यंत संतुष्ट हैं. उन्होंने कहा, जो समस्या महीनों से लंबित थी, वह शिकायत दर्ज करने के कुछ ही दिनों में सुलझ गई. यह अधिनियम आम नागरिकों के लिए एक मजबूत सहारा है, जो सरकारी तंत्र को जवाबदेह बनाता है और हमें अधिकारों के प्रति सजग भी करता है.
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