Indian Railways : सुपौल. बिहार के सुपौल जिले के ललितग्राम रेलवे स्टेशन के आसपास जल्द ही एक बड़ी परियोजना शुरू होने जा रही है. इस परियोजना के तहत रेलवे की रिक्त जमीन पर सहायक रेल इंजन लोको सेड या वाशिंग पीट का निर्माण किया जा सकता है. इस परियोजना का प्रस्ताव लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री और छातापुर विधानसभा के विधायक नीरज कुमार सिंह बबलू की तरफ से रखा गया था, जिसे अब रेल मंत्रालय ने संज्ञान में लिया है और इस दिशा में आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं.
रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण
ललितग्राम रेलवे स्टेशन, जो कि पूर्व रेल मंत्री स्व. ललित नारायण मिश्र के नाम पर है, के आसपास करीब 70 एकड़ रेलवे की जमीन है. इस जमीन का अभी तक कोई उपयोग नहीं किया गया है, जिसकी वजह से लोगों ने इस जमीन पर अवैध रूप से कब्जा जमा लिया है. नीरज कुमार सिंह बबलू ने इस जमीन के उपयोग के लिए 3 मार्च, 2024 को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने इस जमीन पर सहायक रेल इंजन कारखाना या वाशिंग पीट बनाने का प्रस्ताव रखा था.
रोजगार और विकास के अवसर
मंत्री नीरज कुमार बबलू ने रेल मंत्री को भेजे गए पत्र में कहा था कि मधेपुरा में रेल इंजन निर्माण कारखाना पहले से स्थापित है. ऐसे में ललितग्राम स्टेशन के आसपास की जमीन का उपयोग सहायक इंजन कारखाने या वाशिंग पीट के निर्माण के लिए किया जा सकता है. इससे न केवल रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास होगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के भी नए अवसर खुलेंगे. इसके अलावा, उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र के व्यापार में वृद्धि होगी और सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी. मंत्री नीरज कुमार बबलू के पत्र का संज्ञान लेते हुए केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस परियोजना की पहल के लिए धन्यवाद दिया है. उन्होंने संबंधित निदेशालय को ललितग्राम रेलवे स्टेशन के आसपास की जमीन पर सहायक इंजन कारखाने या वाशिंग पीट के निर्माण के लिए विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं.
अतिक्रमण मुक्त करने की मांग
इससे पहले, ललितग्राम रेलवे स्टेशन के आसपास की जमीन पर अतिक्रमण का मुद्दा उठा था. स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी को आवेदन देकर इस जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की थी. ग्रामीणों ने बताया था कि बाहरी लोगों ने रेलवे की आधी से अधिक जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है. इस संबंध में स्थानीय लोगों ने धरना प्रदर्शन भी किया था. ललितग्राम रेलवे स्टेशन के आसपास सहायक रेल इंजन कारखाना या वाशिंग पीट की परियोजना शुरू होने से स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और क्षेत्र का विकास होगा. रेलवे की खाली जमीन का उचित उपयोग होने से अतिक्रमण की समस्या भी समाप्त हो जाएगी. इस परियोजना से सरकार को राजस्व भी मिलेगा और व्यापार में वृद्धि होगी.
Also Read: बिहार की 4 नदियों पर बनेंगे 12 नए पुल, इन शहरों से लोग अब तीन घंटे में पहुंचेंगे पटना