राघोपुर. जिले में सरकारी जमीन के रिकॉर्ड में की गई हेराफेरी के मामले में जिलाधिकारी सावन कुमार ने शुक्रवार को राघोपुर अंचल कार्यालय में औचक छापेमारी कर प्रशासनिक कार्रवाई की. यह छापेमारी दोपहर लगभग दो बजे की गई, जिससे प्रखंड परिसर में हड़कंप मच गया. राजस्व रिकॉर्ड में हेराफेरी का पर्दाफाश निरीक्षण के दौरान डीएम ने पाया कि राजस्व कर्मचारी नवीन कुमार द्वारा मूल पंजी 02 और ऑनलाइन पंजी 01 में मोतीपुर पंचायत अंतर्गत मौजा मोतीपुर की लगभग 10 कट्ठा गैरमजरूआ आम जमीन (जो एक सरकारी तालाब की जमीन है) को अनधिकृत रूप से एक व्यक्ति सौमित्र कुमार झा के नाम दर्ज किया गया. इसके बाद उक्त जमीन को उनके भतीजे के नाम से खारिज कर पुनः दर्ज कर दिया गया. यह पूरी प्रक्रिया सरकारी भूमि के अवैध हस्तांतरण की ओर इशारा करती है, जबकि गैरमजरूआ आम खाता में दर्ज जमीन किसी भी स्थिति में व्यक्तिगत नाम पर न तो दर्ज की जा सकती है और न ही बेची जा सकती है. डीएम के निर्देश पर गिरफ्तारी जांच के दौरान डीएम ने संबंधित कर्मचारी नवीन कुमार को दोषी पाया और मौके पर मौजूद राघोपुर थानाध्यक्ष नवीन कुमार को उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजने का निर्देश दिया. साथ ही अंचलाधिकारी रश्मि प्रिया को आरोपों के आलोक में राघोपुर थाना में लिखित आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज कराने को कहा गया, जो तत्पश्चात दर्ज कर ली गई. हाल ही में मिली थी पदोन्नति, फिर भी पुराने पद पर तैनात गौरतलब है कि आरोपी कर्मचारी नवीन कुमार को हाल ही में राजस्व अधिकारी के पद पर पदोन्नति दी गई थी और उनका स्थानांतरण मधुबनी जिले के लदनिया प्रखंड में कर दिया गया था. इसके बावजूद वे अब तक अपने पूर्व पद पर राघोपुर में ही कार्यरत थे. डीएम सावन कुमार ने कहा, सरकारी जमीन से जुड़ी इस प्रकार की हेराफेरी न केवल प्रशासनिक व्यवस्था को कमजोर करती है, बल्कि सरकारी संपत्ति की सुरक्षा पर भी प्रश्नचिह्न लगाती है. ज़िले में भ्रष्टाचार या सरकारी दस्तावेजों से छेड़छाड़ किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी. दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी.
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