Mohan Bhagwat Bihar Visit: बिहार के लिए 2025 चुनावी साल है. प्रदेश की राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज है. तमाम पार्टियां अपने-अपने हिस्से की तैयारी में जुटी हुई हैं. इसी बीच आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत भी बिहार आने वाले हैं. मोहन भागवत 6 मार्च को बिहार के सुपौल के वीरपुर आ रहे हैं. वे यहां सरस्वती विद्या मंदिर के नए भवन का उद्घाटन करेंगे. इस कार्यक्रम को लेकर आरएसएस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों में जबरदस्त उत्साह है. संघ प्रमुख अपने सुपौल दौरे के दौरान विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों, स्वयंसेवकों और आम नागरिकों से मुलाकात कर समाज और राष्ट्र निर्माण से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगे. मोहन भागवत के आगमन को लेकर सुपौल में संघ और प्रशासनिक स्तर पर विशेष तैयारी चल रही है.
2020 में तय हुआ था यह दौरा
RSS प्रमुख मोहन भागवत के स्वागत के लिए संघ कार्यकर्ता पूरी तरह लगे हुए हैं. इससे पहले मोहन भागवत का यह दौरा 2020 में तय था, लेकिन अचानक कोरोना महामारी के आने से दौरा स्थगित कर दिया गया था. अब उसके 4 साल बाद मोहन भागवत का वह दौरा फिर से आयोजित किया गया है. इससे सुपौल में संघ कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों में उत्साह का माहौल है.
RSS के मुख्य उद्देश्य:
- हिंदू समाज को संगठित करना: RSS का मुख्य उद्देश्य हिंदू समाज को संगठित करना और उसकी सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक ताकत को बढ़ाना है.
- स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता: RSS अपने कार्यकर्ताओं में स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता की भावना विकसित करने पर जोर देता है.
- समाज सेवा: RSS सामाजिक सेवा के कई क्षेत्रों में काम करता है, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और गरीबों की मदद करना.
- राष्ट्रीय एकता और अखंडता: यह संगठन देश के विभिन्न हिस्सों और जातियों को एकजुट करने का प्रयास करता है, ताकि भारत में सामूहिकता और राष्ट्रीय अखंडता बनी रहे.