– कृषि संकल्प अभियान सह जनकल्याण चौपाल में किसानों को दी गई आधुनिक तकनीकों और प्राकृतिक खेती की जानकारी त्रिवेणीगंज. प्रखंड अंतर्गत कोरियापट्टी पश्चिम पंचायत स्थित परवाहा गांव के पंचायत कृषि कार्यालय परिसर में शुक्रवार को कृषि संकल्प अभियान सह कृषि जनकल्याण चौपाल का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में कृषि विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों और पदाधिकारियों ने किसानों को नई तकनीकों, योजनाओं और प्राकृतिक खेती के लाभ के बारे में जागरूक किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर (भागलपुर) के प्रसार निदेशक डॉ आरके सुहानी ने कहा कि भगवान के बाद धरती पर यदि कोई सच्चा विधाता है, तो वह किसान है. वही धरती माता का सच्चा सपूत है और उसके परिश्रम पर ही राष्ट्र की तरक्की टिकी है. उन्होंने बिहार कृषि ऐप को डिजिटल क्रांति की ओर एक सकारात्मक कदम बताया, जिससे किसान मौसम, मंडी, तकनीकी सेवाएं और योजनाओं की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं. अनुमंडल कृषि पदाधिकारी राहुल राज ने कहा कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है और किसान ही देश की रीढ़ हैं. उन्होंने विभागीय योजनाओं की विस्तृत जानकारी देते हुए किसानों को नई कृषि तकनीकी अपनाने और संवेदनशील परिस्थितियों से निपटने की सलाह दी. कृषि विज्ञान केंद्र, राघोपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ मिथिलेश कुमार राय ने कहा कि प्राकृतिक खेती रासायनिक और जैविक खेती का संतुलित विकल्प है. यह पर्यावरण के साथ-साथ स्वास्थ्यवर्धक भोजन भी उपलब्ध कराती है. वहीं, कृषि वैज्ञानिक डॉ अलीशा ने मशरूम उत्पादन को कम लागत में अधिक लाभदायक व्यवसाय बताया. उन्होंने कहा कि इसमें प्रोटीन, आयरन, एंटीऑक्सीडेंट आदि भरपूर होते हैं और इसे बढ़ावा देने के लिए निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है. डॉ अमन कुमार (कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष, किसान सलाहकार संघ) ने मशरूम को स्वास्थ्य के लिए रामबाण बताते हुए कहा कि चीन में मशरूम को महाऔषधि और रोम में भगवान का आहार कहा गया है. इसमें मौजूद कॉलिन नामक तत्व याददाश्त और मांसपेशियों को सक्रिय बनाए रखने में सहायक है. तकनीकी प्रबंधक पंकज कुमार ने बताया कि भारत के कुल मशरूम उत्पादन का 51 प्रतिशत पंजाब में होता है और मुख्यतः चार किस्मों आयस्टर, पैरा, सफेद दूधिया और सफेद बटन मशरूम का व्यवसायिक उत्पादन होता है. कार्यक्रम में मुखिया रामानन्द यादव, पूर्व प्रमुख सुभाष चंद्र बोस, पैक्स अध्यक्ष जयप्रकाश यादव, सज्जन यादव, गिरधारी यादव, राजीव कुमार, विमल यादव, रूपेश कुमार, भाव्या भारती, मोनिका कुमारी, हेमलता कुमारी, निक्की कुमारी सहित सैकड़ों ग्रामीणों और किसान मौजूद थे.
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