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सुपौल में कोसी नदी का जलस्तर बढ़ा, बैराज के 29 गेट खोले गए, बढ़ी तटबंधों की निगरानी

कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई है. इस साल पहली बार कोसी बैराज के 56 में से 29 गेट खोल दिए गए हैं. सिंचाई के लिए पूर्वी कोसी मुख्य नहर में 5500 क्यूसेक और पश्चिमी कोसी मुख्य नहर में 5000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.

Kosi Barrage: नेपाल में लगातार हो रही बारिश के कारण एक ओर बराह जल अधिग्रहण क्षेत्र का जलस्तर बढ़ने के बाद घटने लगा है. वहीं दूसरी ओर कोसी नदी के जल स्तर में काफी बढ़ोतरी हुई है. कोसी नदी के कोसी बैराज स्थित कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार रविवार की दोपहर 12 बजे कोसी नदी का जल स्तर 1,90,990 क्यूसेक दर्ज किया गया. शाम चार बजे 1,96,405 क्यूसेक स्थिर अवस्था में दर्ज किया गया, जबकि इस साल पहली बार कोसी बैराज के 56 में से 29 फाटकों को खोल दिए गए हैं. सिंचाई के लिए पूर्वी कोसी मुख्य नहर में 5500 क्यूसेक और पश्चिमी कोसी मुख्य नहर में 5000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.

कोसी नदी के लिए सबसे बड़ी समस्या गाद

कोसी के जानकारों के मुताबिक पिछले कुछ सालों से नदी की धारा बीच में नहीं बह रही है. यही वजह है कि जलस्तर में मामूली वृद्धि भी नदी के तटबंधों पर सीधा असर डालती है. कुसहा त्रासदी के बाद पायलट चैनल बनाकर नदी की धारा को बीच में ले जाने की कोशिश की गई थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. फिलहाल कोसी नदी की सबसे बड़ी समस्या गाद है. अगर समय रहते गाद की समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वह दिन दूर नहीं जब कोसी नदी का पानी तटबंध के ऊपर से बहने लगेगा.

प्रति वर्ष 90 मिलियन टन बालू लाती है कोसी नदी

कोसी-मेची इंटर लींकिंग को लेकर केंद्रीय कमेटी ने चार साल पहले एक समीक्षा बैठक की थी, जहां तत्कालीन चीफ इंजीनियर जयंत कुमार ने नदी के रिसर्च से कोसी नदी में प्रत्येक वर्ष 90 मिलियन टन बालू आने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि यही गाद प्रत्येक वर्ष नदी की धारा को प्रभावित करती है. तटबंध पर इसका व्यापक असर पड़ता है. सिल्ट की निकासी के लिए यदि कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो कोसी नदी भविष्य के लिए काफी खतरनाक और भयावह रूप लेगी, जो विनाश का कारण बन सकता है. इससे बचने के लिए भी कई विकल्पों कोई बताया गया था. जिसमें प्रतिवर्ष आने वाले बालू के उपयोग से संसाधन तैयार करने की बात कही गई थी.

तटबंधों की सतत निगरानी की जा रही

कौशिकी भवन स्थित चीफ इंजीनियर के बाढ़ नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी अनुसार पूर्वी कोसी तटबंध के 47.00 किमी के सामने तटबंध से लगभग 3.00 किमी भीतर कोसी की मुख्यधारा के पास अवस्थित ग्राम सुजानपुर के पास कराये गये. ग्राम सुरक्षात्मक कार्य का कुछ भाग नदी की मुख्यधारा के तीव्र बहाव के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है, जिसे फ्लड फाइटिंग फोर्स के चेयरमैन के सुझाव एवं उच्चाधिकारी के निर्देशानुसार फ्लड फाइटिंग का कार्य करा कर स्थल कोई सुरक्षित कराया जा रहा है. स्थिति नियंत्रण में है. तटबंधों पर सतत निगरानी और चौकसी जारी है.

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किसी भी स्पर पर नदी का नहीं है दवाब : चीफ इंजीनियर

विभागीय चीफ इंजीनियर वरुण कुमार ने बताया कि ठीक 10 दिन पहले कोसी नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई थी. डिस्चार्ज 2.39 लाख क्यूसेक को पार कर गया था. वहीं इस दौरान 26 फाटकों को खोला गया था. उस समय भी किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई थी. आज भी जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है. तटबंध के संवेदनशील व अतिसंवेदनशील स्परों पर निगरानी और चौकसी तेज कर दी गयी है. कहीं भी किसी प्रकार का दबाव नहीं है.

Anand Shekhar
Anand Shekhar
Dedicated digital media journalist with more than 2 years of experience in Bihar. Started journey of journalism from Prabhat Khabar and currently working as Content Writer.

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