Bharat Rang Mahotsav 2025: दुनिया का सबसे बड़ा थिएटर महोत्सव भारत रंग महोत्सव 2025 ने 25 वर्षों का सफर पूरा कर लिया है. 1999 में इसकी स्थापना की गई थी. 28 जनवरी से 16 फरवरी 2025 आयोजित महोत्सव में लगभग एक लाख दर्शकों ने भाग लिया. इस समारोह में दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना भी मौजूद थे. उन्होंने एनएसडी को लेकर कहा- यह रंगमंचीय परंपराओं को संरक्षित और समृद्ध करने में सहायक है. उन्होंने कहा, एक अच्छे समाज के निर्माण में नागरिकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है. इस कार्यक्रम में अभिनेता और हास्य कलाकार राजपाल यादव भी मौजूद थे.
डाक टिकट जारी किया गया
इस अवसर पर नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी ) की संस्थागत स्वायत्तता के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक विशेष डाक टिकट जारी किया गया. दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने डाक टिकट का औपचारिक विमोचन किया.

‘कनुप्रिया’ का किया गया मंचन
कार्यक्रम में धर्मवीर भारती रचित ‘कनुप्रिया’ का मंचन किया गया. इस नाटक का निर्देशन रतन थियाम ने किया और इसका मंचन कमानी सभागार में हुआ. युद्धवीर बकोलिया के निर्देशन में ‘धरती की पुकार’ नाटक भी प्रस्तुत किया गया. इस नाटक में एनएसडी के वरिष्ठ नागरिक कलाकारों ने भाग लिया.
‘श्रुति’ में, ‘शन्नो खुराना का विमोचन
सुष्मिता झा की पुस्तक साहित्यिक खंड, ‘श्रुति’ में, ‘शन्नो खुराना: ओपेरा प्रनेता’ पुस्तक का विमोचन किया गया. इस पर चर्चा भी आयोजित की गई. पुस्तक द्वारा लिखी गई है.

रांची सहित देश के कई शहरों में भारत रंग महोत्सव का किया गया आयोजन
भारत रंग महोत्सव 2025 का आयोजन देश के विभिन्न शहरों में किया गया. गोवा में चार नाटकों का मंचन हुआ, जबकि बेंगलुरु में आठ, रांची में सात, गोरखपुर में पांच, खैरागढ़ में छह, काठमांडू में छह, भोपाल में पांच, कोलंबो में चार, बठिंडा में पांच, जयपुर में पांच, अहमदाबाद और अगरतला में पांच-पांच नाटकों का मंचन हुआ. दिल्ली में सबसे लंबा और सबसे व्यापक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें 73 शो हुए. इस प्रकार, कुल मिलाकर लगभग डेढ़ सौ नाटक मंचित किए गए. बीआरएम 2025 में कुल 2000 से अधिक नाटकों का मंचन किया गया.
एनएसडी लाइब्रेरी पोर्टल लॉन्च
इस दौरान एनएसडी लाइब्रेरी पोर्टल लॉन्च किया गया. केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इसे लॉन्च किया.
प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया
भारत भर के विभिन्न कॉलेजों और स्वतंत्र समूहों के प्रतिभागियों द्वारा कुल 37 नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किए गए. विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया. जिसमें प्रथम पुरस्कार के तौर पर 40000 रुपये, द्वितीय पुरस्कार 20 हजार रुपये और तृतीय पुरस्कार पाने वालों को 10,000 रुपये की पुरस्कार राशि दी गई.