CAG Report: दिल्ली विधानसभा में सोमवार को दिल्ली परिवहन निगम (DTC) पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट पेश की गई. जिसमें पूर्व की आम आदमी पार्टी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगे. दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने CAG की रिपोर्ट को पेश किया. रिपोर्ट में बसों की संख्या और वित्तीय घाटे को उजागर किया गया है.
आप के कार्यकाल में डीटीसी को हुआ भारी घाटा
सीएजी रिपोर्ट पेश होने के बाद बीजेपी के विधायक हरीश खुराना ने आम आदमी पार्टी पर जमकर निशाना साधा. बीजेपी ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना की अगुवाई में डीटीसी फायदे में थी. लेकिन आम आदमी पार्टी के शासन में निगम का कुल घाटा बढ़कर 8498.33 करोड़ रुपये को गया. आम आदमी पार्टी के कार्यकाल में घाटा करीब 5000 करोड़ रुपये बढ़ गया.
डीटीसी की बसों की संख्या में भारी गिरावट : बीजेपी
सीएजी रिपोर्ट के हवाले से बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर हमला बोला. बीजेपी ने आरोप लगाया कि आप की सरकार में डीटीसी बसों की संख्या में भारी कमी आई. दिल्ली विधानसभा सत्र में बीजेपी विधायक खुराना ने कहा कि आप ने 2013-15 में 11000 नई बसें लाने का वादा किया था, लेकिन डीटीसी बसों की संख्या 2015 में 4344 से घटकर 3937 रह गई.
बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर लगाया वित्तीय अनियमितता का आरोप
बीजेपी ने पूर्व की आम आदमी पार्टी पर वित्तिय अनियमितता का अरोप लगाया. बीजेपी विधायक खुराना ने विधानसभा में कहा- “डीटीसी की परिचालन आय आप के सत्ता में आने के समय 914 करोड़ रुपये से घटकर 558 करोड़ रुपये रह गई.” उन्होंने सवाल किया कि “आप सरकार ने 225 करोड़ रुपये किराया वसूले बिना डीटीसी की 3.18 लाख वर्ग मीटर जमीन निजी क्लस्टर बसों को क्यों आवंटित कर दी.”
आतिशी ने बीजेपी सरकार पर किया पलटवार
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने बीजेपी सरकार पर पलटवार किया. उन्होंने कहा- बजट पेश होने से पहले आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाता है और उसी हिसाब से बजट पेश किया जाता है लेकिन BJP सरकार ने ऐसा नहीं किया है. आर्थिक सर्वेक्षण को पेश ना करने को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा है कि ऑडिट रिपोर्ट नहीं है और इसलिए यह पेश नहीं किया, जो कि सरासर गलत है. पिछले 10 साल में हमने कभी नहीं देखा कि आर्थिक सर्वेक्षण के बिना बजट आया हो. अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या बीजेपी की दिल्ली सरकार को बजट बनाना भी आता है? क्या सरकार चलानी भी आती है? वहीं जब हमने इस मुद्दे को उठाया तो सदन में बात ही नहीं होने दी. अब सवाल उठता है कि सरकार आर्थिक सर्वेक्षण क्यों पेश नहीं कर रही है?