Gandhi Nagar Assembly Election Result 2025: दिल्ली के गांधी नगर सीट से आप के नवीन चौधरी से चुनाव हार चुके हैं. बीजेपी के अरविंदर सिंह लवली को 12 से अधिक वोटों से शानदार जीत मिली है. शुरुआत में दोनों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली, लेकिन धारे धीरे बीजेपी प्रत्याशी ने बढ़त बनाया. तीसरे स्थान पर कांग्रेस के कमल अरोड़ा रहे. उन्हें 3453 वोट मिले हैं.
गांधी नगर से लड़ रहे उम्मीदवारों की सूची
उम्मीदवार | पार्टी | वोट |
अरविंदर सिंह लवली | भारतीय जनता पार्टी | |
कमल अरोड़ा (डब्बू) | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | |
टिकराज सिंह | बहुजन समाज पार्टी | |
नवीन चौधरी (दीपू) | आम आदमी पार्टी | |
पवन चौधरी | जातीय जन सेना पार्टी | |
गल्फम | स्वतंत्र |
2020 में बीजेपी ने पलटा खेल
2020 के विधानसभा चुनाव में गांधी नगर सीट पर जबरदस्त मुकाबला देखने को मिला. इस चुनाव में सात प्रत्याशी मैदान में थे, लेकिन असली टक्कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अनिल कुमार वाजपेयी और आम आदमी पार्टी (AAP) के नवीन चौधरी के बीच हुई. कांग्रेस ने भी अपने वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अरविंदर सिंह लवली को मैदान में उतारा था, लेकिन वह निर्णायक जीत दर्ज करने में सफल नहीं हो सके.
बीजेपी के अनिल कुमार वाजपेयी ने 6,079 वोटों के अंतर से जीत हासिल कर आम आदमी पार्टी से यह सीट छीन ली. वाजपेयी को कुल 48,824 वोट मिले, जबकि आम आदमी पार्टी के नवीन चौधरी को 42,745 वोट प्राप्त हुए. कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली को 21,913 वोट मिले. गांधी नगर विधानसभा सीट पर कुल 1,82,831 मतदाता थे, जिनमें से 62% यानी 1,14,507 लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
गांधी नगर सीट का ऐतिहासिक राजनीतिक परिदृश्य
गांधी नगर विधानसभा सीट पर तीनों प्रमुख राजनीतिक दलों – बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को जीत का स्वाद चखने का अवसर मिला है. 1993 में जब यहां पहला विधानसभा चुनाव हुआ, तो बीजेपी के दर्शन सिंह बहल ने जीत दर्ज की थी. लेकिन 1998 के चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता अरविंदर सिंह लवली ने बाजी मारते हुए बीजेपी से यह सीट छीन ली. इसके बाद 2003 में भी यह सीट लवली के पास ही रही.
कांग्रेस का दबदबा और आम आदमी पार्टी की एंट्री
साल 2008 के चुनाव में कांग्रेस जब दिल्ली में फिर से सत्ता में लौटी, तो गांधी नगर सीट पर भी पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की. अरविंदर सिंह लवली ने 31,923 वोटों के भारी अंतर से जीत अपने नाम की. 2013 के चुनाव में जब आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की राजनीति में अपनी एंट्री की, तब गांधी नगर विधानसभा सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया. हालांकि, कांग्रेस के लवली ने अपनी जीत की हैट्रिक पूरी करते हुए चौथी बार जीत हासिल की. इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के अनिल कुमार वाजपेयी तीसरे स्थान पर रहे थे.
2015 में आम आदमी पार्टी की जीत
दिल्ली के 2015 विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 70 में से 67 सीटों पर कब्जा जमा लिया. इस लहर में कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई और बीजेपी को भी मात्र 3 सीटें मिलीं. गांधी नगर सीट पर आम आदमी पार्टी के अनिल कुमार वाजपेयी ने जीत दर्ज की और बीजेपी के जीतेंद्र सिंह दूसरे स्थान पर रहे. हालांकि, 2020 के चुनाव से पहले वाजपेयी आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए.
बीजेपी के टिकट पर उन्होंने 2020 में फिर से चुनाव लड़ा और आम आदमी पार्टी के नवीन चौधरी को हराकर सीट पर दोबारा कब्जा जमा लिया. इस चुनावी जीत ने साबित किया कि गांधी नगर सीट पर मतदाता लगातार बदलाव के मूड में रहते हैं और हर चुनाव में नतीजों में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है.
2025 के चुनाव में जबरदस्त मुकाबले की उम्मीद
गांधी नगर विधानसभा सीट पर 2025 के चुनाव में भी कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है. चूंकि 2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी को इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा था, इसलिए पार्टी इसे वापस पाने के लिए पूरी ताकत झोंक सकती है. वहीं, बीजेपी अपनी सीट बचाने के लिए आक्रामक रणनीति अपनाएगी. कांग्रेस भी इस सीट पर दोबारा वापसी की कोशिश करेगी. गांधी नगर विधानसभा सीट का चुनावी इतिहास बताता है कि यह सीट कभी भी एक पार्टी के वर्चस्व में नहीं रही है. हर चुनाव में यहां जनता का फैसला अलग होता है. ऐसे में 2025 का चुनाव इस सीट के लिए और भी रोचक और रोमांचक हो सकता है.