Kalkaji Vidhan Sabha Chunav Result 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आज घोषित होने वाले हैं, और वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है. कालकाजी विधानसभा सीट पर इस बार कड़ा त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला, जहां AAP, BJP और कांग्रेस के उम्मीदवार आमने-सामने थे. इस सीट से आम आदमी पार्टी की नेता और मुख्यमंत्री आतिशी चुनावी मैदान में थीं, जबकि बीजेपी से रमेश बिधूड़ी और कांग्रेस से अलका लांबा ने अपनी दावेदारी पेश की थी. कड़े मुकाबले के बाद आतिशी ने जीत हासिल करते हुए बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशियों को हराकर बाजी मार ली.
13 उम्मीदवार इस बार मैदान में
उम्मीदवार | पार्टी |
आतिशी | आम आदमी पार्टी |
रमेश विधूड़ी | बीजेपी |
अलका लांबा | कांग्रेस |
इकबाल अहमद | निर्दलीय |
तान्या सिंह | भारतीय राष्ट्रवादी पार्टी |
रवि | निर्दलीय |
दीपक कपिला | आजाद अधिकार सेना |
राजेश कुमार | वीर जनशक्ति पार्टी |
संजय | निर्दलीय |
संघमित्रा | भीम सेना |
प्रवीण चौधरी | निर्दलीय |
प्रीतम सिंह | बहुजन समाज पार्टी |
राजन सिंह | आम जनता पार्टी |
कौन-कौन रहा है कालकाजी से विधायक
विधायक | पार्टी | साल |
आतिशी मारलेना | आम आदमी पार्टी | 2020 |
अवतार सिंह | आम आदमी पार्टी | 2015 |
हरमीत सिंह | बीजेपी | 2013 |
सुभाष चोपड़ा | कांग्रेस | 2008 |
सुभाष चोपड़ा | कांग्रेस | 2003 |
सुभाष चोपड़ा | कांग्रेस | 1998 |
पूर्णिमा सेठी | बीजेपी | 1993 |
- 1993 में दिल्ली को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया, और फिर से चुनाव हुए. इस बार भाजपा ने पूर्णिमा सेठी के रूप में उम्मीदवार उतारा और उन्होंने कांग्रेस के सुभाष चोपड़ा को हराकर जीत दर्ज की. बाद में, पूर्णिमा सेठी ने भाजपा की केंद्रीय सरकारों में मंत्री के तौर पर कार्य किया.
- 1998 में सुभाष चोपड़ा ने कांग्रेस के लिए वापसी की और भाजपा की उम्मीदवार पूर्णिमा सेठी को हराया. 2003 और 2008 में भी सुभाष चोपड़ा ने कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की और कालकाजी में कांग्रेस की प्रभावी स्थिति कायम रखी.
- 2013 में, दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा और कांग्रेस के साथ-साथ आम आदमी पार्टी (AAP) भी मैदान में आई. इस चुनाव में भाजपा ने जीत तो हासिल की, लेकिन आम आदमी पार्टी ने कड़ी टक्कर दी. भाजपा के हरमीत सिंह ने आप के धर्मबीर सिंह को हराया, हालांकि दोनों पार्टियों के बीच वोटों का अंतर मामूली था.
- 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने धमाकेदार वापसी की। अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने 70 में से 67 सीटें जीतकर दिल्ली की सत्ता पर कब्जा कर लिया, और यह पार्टी की पहली बड़ी सफलता साबित हुई.