Saheb Singh Verma: दिल्ली की सियासत में साल 1998 सबसे रोचक रहा है. दिल्ली में पहली बार बीजेपी के सरकार बनने के बाद 1993 में प्रदेश की कमान मदन लाल खुराना की हाथों में आई. लेकिन एक जैन हवाला मामले के सामने आने के बाद मदन लाल खुराना को इस्तीफा देना पड़ा. फिर 1996 में दिल्ली की सत्ता साहेब सिंह वर्मा के हाथों में आई. साहेब सिंह वर्मा का जन्म दिल्ली के मुंडका में हुआ था. उन्होंने सियासत की शुरुआत जनसंघ से की. फिर धीरे धीरे दिल्ली के ग्रामीण में अपनी पैंठ बढ़ाते गए. साल 1996 में सीएम बनने के बाद उनपर कई तरह के सियासी दबाव भी आए. फिर 1998 में जब प्याज की कीमत दिल्ली में आसमान छूने लगे तो केंद्रीय नेतृत्व ने उनसे इस्तीफा ले लिया. इसके बाद 50 दिनों के लिए सुषमा स्वराज को सीएम बनाया गया.
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प्याज की कीमत के कारण कैसे गई साहेब सिंह वर्मा की कुर्सी? देखें Video
Saheb Singh Verma: आइए जानते हैं कैसे एक सीएम की कुर्सी प्याज के बढ़ते कीमत के कारण चली गई
Ayush Raj Dwivedi
आयुष डिजिटल पत्रकार हैं और इनको राजनीतिक खबरों को लिखना, वीडियो बनाना और रिसर्च करना पसंद है. इससे पहले इन्होंने न्यूज इंडिया 24*7 में बतौर कंटेन्ट राइटर और रिपोर्टर काम किया है. इनको बिहार यूपी और दिल्ली की राजनीति में विशेष रुचि है. आयुष को क्रिकेट बहुत पसंद है
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