22.8 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

CCL का पहला हाइवॉल माइनिंग लगेगा बेरमो के ढोरी एरिया में, तीन साल में 13 लाख टन कोयले का होगा उत्पादन

सीसीएल का पहला हाइवॉल माइनिंग बेरमो के ढोरी एरिया में लगेगा. ढोरी एरिया के एएडीओसीएम में लगने वाले इस हाइवॉल माइनिंग से तीन साल में कुल 13 लाख टन कोयले का उत्पादन होगा. इसमें अंडरग्राउंड माइंस के गैलरी की तरह उत्पादन होगा. इसमें उत्पादित कोयले का साइज माइनस 100 एमएम से भी कम होगा.

बेरमो (बोकारो), राकेश वर्मा : बेरमो कोयलांचल अंतर्गत सीसीएल के ढोरी एरिया में सीसीएल का पहला हाइवॉल माइनिंग लगाने की दिशा में तेज गति से काम चल रहा है. 2024 के फरवरी-मार्च तक यहां हाइवॉल माइनिंग से कोयला उत्पादन शुरु होने की प्रबल संभावना है. एएडीओसीएम के अमलो माइंस में लगने वाले हाइवॉल माइनिंग से तीन साल में कुल 13 लाख टन कोयले का उत्पादन होगा. हर साल 3.5 लाख टन यहां से कोयले का खनन किया जायेगा. पहले साल तीन लाख टन और इसके बाद के वर्षो में सालाना 5-5 लाख टन यहां से कोल प्रोडक्शन होगा. इस विधि से उत्पादन किये जाने वाले कोयले का साइज माइनस 100 एमएम से भी कम होगा और क्रश होकर बिलकुल ही फ्रेश कोयला निकलेगा.

झारखंड में एकमात्र टाटा के घाटो कोलियरी में हाइवॉल माइनिंग

यह कोल माइंस से सीधे कन्वेयर बेल्ट में आयेगा और यहां से फिर सरफेस में आकर गिरेगा. यहां से टिपर में लोड होकर साइडिंग व वाशरी में यह कोयला जायेगा. झारखंड में फिलहाल एकमात्र टाटा के घाटो कोलियरी में हाइवॉल माइनिंग से उत्पादन किया जा रहा है. मालूम हो कि पूरे कोल इंडिया में कुल 30 हाइवॉल माइनिंग शुरू होने वाली है. इसमें इसीएल में दो और सीसीएल में एक बेरमो के ढोरी एरिया में इस तकनीकि से कोयला उत्पादन शुरू होगा. मिली जानकारी के अनुसार एएडीओसीएम के अमलो माइंस में जहां पर इस हाइवॉल माइनिंग को लगाया जायेगा. उसके ऊपरी सतह पर गांव व बस्ती रहने के कारण जगह खाली नहीं हो पा रहा है. साथ ही 100 मीटर के अंदर ब्लास्टिंग किया जाना भी प्रतिबंधित है. ऐसे में बगैर गांव व बस्ती को हटाये और जमीन खाली कराये बिना यानि सरफेस को वगैर डिस्ट्रब किये अमलो माइंस में हाइवॉल माइनिंग लगाया जायेगा. भूमिगत खदान के गैलरी की तरह माइंस के अंदर प्लेटफार्म बनाया जायेगा, जिसपर हाइवॉल मशीन लगेगा और उत्पादन शुरू होगा.

सालाना 3 मिलियन टन का लगेगा कोकिंग कोल वाशरी

ढोरी एरिया के तारमी प्रोजेक्ट में सालाना 3 लाख टन कोयला फीड करने की क्षमता का एक नया कोकिंग वाशरी भी लगने जा रहा है. प्रबंधकीय सूत्रों के अनुसार इसका वर्क आर्डर हो गया है. प्रबंधन के अनुसार ढोरी एरिया के एसडीओसीएम, अमलो, तारमी के अलावा कल्याणी एक्सपेंशन प्रोजेक्ट से उत्पादित कोयले को इस वाशरी में फीड किया जायेगा. यहां से वाशरी ग्रेड-5 का कोयला सीएचपी में चला जायेगा, जबकि वाशरी ग्रेड-3 का कोयला वाशरी में रह जायेगा. यहां से फिर इसे अन्यत्र जगहों पर भेजा जायेगा. जल्द ही ढोरी एरिया में सालाना 2 मिलियन क्षमता का कल्याणी एक्सपेंशन माइंस भी अस्तित्व में आयेगा जो 20 साल का प्रोजेक्ट है. इसके बाद ढोरी एरिया का कोल प्रोडक्शन का ग्राफ काफी बढ जायेगा जिसको देखते हुए यहां वाशरी व सीएचपी का निर्माण किया जा रहा है.

फरवरी-मार्च से पिछरी माइंस से कोयला उत्पादन किये जाने की योजना

ढोरी क्षेत्रीय प्रबंधन के अनुसार ढोरी एरिया अंतर्गत बंद पिछरी माइंस से 2024 के फरवरी-मार्च तक हर हाल में कोयला उत्पादन शुरु हो जायेगा. इस माइंस का इनभायरमेंटल क्लीयरेंस दो माह में मिल जाने की संभावना है.कुल 98 एकड टैंडसी (रैयती) लैंड में अभी तक 28 एक़ड जमीन के सत्यापन का काम पूरा हो चुका है.शेष जमीन के सत्यापन का कार्य भी प्रगति पर है.फिलहाल लगभग 100 एकड का पैसा सीसीएल मुख्यालय से मांमा गया है. जैसे-जैसे जमीन सत्यापन होता जायेगा वैसे-वैसे रैयतों को मुआवजा का भुगतान होता जायेगा. प्रबंधन के अनुसार इस साल के अंत तक जमीन का सत्यापन, इसी के लावा डीजीएमएम से परमिशन लेने आदि का काम पूरा कर लिया जायेगा.जिसके बाद फरवरी-मार्च से यहां से उत्पादन शुरु हो जायेगा. प्रबंधन के अनुसार कुल 98 एकड में 20 लाख टन कोयला उत्पादन होगा.जबकि पूरा पिछरी माइंस 459 एकड का है जिसमें 28-30 मिलियन टन कोयला है जो 16 साल का प्रोजेक्ट है.

चालू वित्तीय वर्ष में करना है 46 लाख टन उत्पादन

एरिया का चालू वित्तीय में 46 लाख टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य है जिसमें अभी तक 12.60 लाख टन उत्पादन किया गया है. जबकि ओबी निस्तारण 53.09 लाख घन मीटर टन तथा कोल डिस्पैच 18.64 लाख टन किया गया है. रोजाना 10-11 हजार टन उत्पादन किया जा रहा है.

क्या कहते हैं महाप्रबंधक

ढोरी एरिया के महाप्रबंधक एमके अग्रवाल कहते हैं कि जल्द ढोरी एरिया अपने स्वर्णिम दिन में वापस लौटेगा. गुणवत्ता तथा सुरक्षा के साथ बेहतर उत्पादन कर राष्ट्र की प्रगति में एक-एक अधिकारी व कर्मचारी अपना योगदान देने का काम करे. चालू वित्तीय वर्ष के लक्ष्य को हर हाल में हासिल करेंगे. अधिकारी टीम भावना के साथ काम करते हुए लक्ष्य हासिल करने में अपनी पूरी शक्ति लगाये.

Also Read: CCL के कई एरिया में जरूरत से अधिक कर्मी कर रहे हैं काम, मैनपावर बजट में हुआ खुलासा

Jaya Bharti
Jaya Bharti
This is Jaya Bharti, with more than two years of experience in journalistic field. Currently working as a content writer for Prabhat Khabar Digital in Ranchi but belongs to Dhanbad. She has basic knowledge of video editing and thumbnail designing. She also does voice over and anchoring. In short Jaya can do work as a multimedia producer.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel