Success Story | ललपनिया, नागेश्वर: बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड अंतर्गत पचमों पंचायत अवस्थित झुमरापहाड़ के पास बसे आदिवासी बहुल गांव में आजादी के 76 वें साल बाद पहली बार किसी आदिवासी बेटी ने मैट्रिक परीक्षा पास की है. बिटिया की इस सफलता से पूरे गांव में खुशी का माहौल है. गांव की आदिवासी बेटी चांद मुनी कुमारी ने द्वितीय श्रेणी से मैट्रिक की परीक्षा पास की है.
सम्मान पाकर आंखों से छलके आंसू
गोमिया के कस्तूरबा गांधी विद्यालय, तेनुघाट से चांद मुनी कुमारी ने इसी वर्ष मैट्रिक की परीक्षा दी थी. शानदार रिजल्ट आने के बाद सिमराबेड़ा गांव निवासी युवा सामाजिक कार्यकर्ता मनोज कुमार पहाड़िया और बलथरवा-सिमराबेड़ा आंगनबाड़ी केंद्र की सहायिका अनिता कुमारी ने गांव जाकर चांद मुनी कुमारी को शॉल ओढ़ाकर और माला पहनाकर सम्मानित किया. ये सम्मान पाकर चांद मुनी के आंखों से आंसू छलक पड़े. चांद मुनी कुमारी के पिता अरजलाल किस्कू एक प्रवासी मजदूर हैं. वहीं उनकी माता गृहिणी है.
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शिक्षिका बन संवारना चाहती है बच्चों का भविष्य
चांद मुनी कुमारी ने आगे पढ़ाई करने की इच्छा जतायी और कहा कि वह पढ़-लिखकर शिक्षिका बनना चाहती है. शिक्षिका बनकर चांद मुनी अपने क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा देकर आगे बढ़ाएगी. उसने कहा कि वह अपने क्षेत्र में पिछड़ापन दूर करना चाहती है. मालूम हो सिमराबेड़ा में करीब 40-50 पूर्ण रूप से आदिवासी गांव बसे हुए हैं. ये सभी गांव शिक्षा के अभाव में काफी पिछड़ा है.
मंत्री योगेंद्र प्रसाद करेंगे चांद मुनी से मुलाकात
गांव की बिटिया की इस सफलता पर मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने चांद मुनी से मिलकर उन्हें और उनके माता पिता को सम्मानित करने की बात कही साथ ही उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सहयोग की भी बात कही. वहीं गोमिया प्रखंड के बीडीओ महादेव कुमार महतो ने कहा की इस स्वतंत्रता दिवस पर चांद मुनी कुमारी को स्कूल में समान्नित किया जायेगा.
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