24.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Teachers Day 2023: 19 साल में शिक्षक बने थे गरीब दास, जानकारी ऐसी कि बिना किताब के लेते थे मैथ्स क्लास

बिहार के डुमरांव से सेकेंड क्लास से मैट्रिक व बलिया से आईएससी की परीक्षा सेकेंड क्लास से पास करने के बाद मात्र 18 वर्ष की उम्र में गरीब दास 50 के दशक में बेरमो आ गये थे. उस वक्त इनके पिताजी रामेश्वर प्रसाद सीसीएल के जारंगडीह में हेड क्लर्क के पद पर कार्यरत थे.

बेरमो, राकेश वर्मा: 92 बंसत पार कर चुके बेरमो के प्रतिष्ठित राम बिलास उच्च विद्यालय से सेवानिवृत शिक्षक गरीब दास में भले ही आज पुराना जज्बा व जुनून नहीं रहा, लेकिन पुरानी सारी बातें मेमोरी में हैं. वर्तमान में शिक्षक, छात्र और विद्यालय के हालात पर चर्चा करने के बाद गरीब दास की दिलचस्प गणित गाथा सुनने के बाद लगती है अब ऐसे शिक्षक मिलते कहां है?

19 वर्ष की उम्र में बन गए थे शिक्षक

बिहार के डुमरांव से सेकेंड क्लास से मैट्रिक व बलिया से आईएससी की परीक्षा सेकेंड क्लास से पास करने के बाद मात्र 18 वर्ष की उम्र में गरीब दास 50 के दशक में बेरमो आ गए. उस वक्त इनके पिताजी रामेश्वर प्रसाद सीसीएल के जारंगडीह में हेड क्लर्क के पद पर कार्यरत थे. एक मौसेरे भाई यूएसपी सिन्हा कथारा एरिया में डिप्टी सीएमइ थे. हजारीबाग के संत कोलम्बस कॉलेज से आइएसएसी फर्स्ट इयर करने के बाद माइग्रेशन लेकर सेकेंड इयर बलिया स्थित सतीषचंद्र कॉलेज से किया. श्री दास का कहना था कि 50 के दशक में जब वे बेरमो आये तो करगली में सीसीएल के टाइम कीपर राजेंद्र प्रसाद से मुलाकात हुई. एक दिन राजेंद्र प्रसाद के साथ वे शतरंज खेल रहे थे. इसी दौरान राम बिलास उच्च विद्यालय के प्राचार्य बीएन प्रसाद भी वहां आ गये. शतरंज में गरीब दास ने उन्हें हरा दिया. इसके बाद उन्होंने कहा कि कल से तुम स्कूल आकर ज्वाइन करो. उन्होंने स्कूल आकर ज्वाइन किया और मात्र 19 वर्ष की उम्र में 2 अगस्त 1951 को उन्होंने बतौर शिक्षक राम बिलास उच्च विद्यालय में ज्वाइन किया. उस वक्त इस विद्यालय में मात्र सातवीं कक्षा तक की ही पढ़ाई होती थी. तब करगली व वर्तमान विद्यालय के बीच में चदरा का विद्यालय हुआ करता था. यहां गरीब दास ने वोकेशनल में ज्वाइन करने के बाद दो-तीन माह के बाद ही उन्होंने स्कूल छोड़ दिया और वापस अपने गांव जाकर खेती करने लगे.

Also Read: डुमरी उपचुनाव:वोटिंग के बाद जीत को लेकर
क्या बोलीं I.N.D.I.A प्रत्याशी बेबी देवी व एनडीए प्रत्याशी यशोदा देवी

…पंप खलासी की जगह मिल जाएगी

बलिया में सतीषचंद्र कॉलेज में गणित के प्रोफेसर गेंदा लाल झा से गरीब दास की मुलाकात हुई. उन्होंने बीए की पढ़ाई करने को कहा तथा उनका एडमिशन फीस भी गेंदा लाल झा ने ही दिया. यहां से गरीब दास ने बीए में इतिहास, अर्थशास्त्र व गणित लेकर पढ़ाई शुरू कर दी. उस कॉलेज में अकेला गरीब दास ने गणित विषय लेकर बीए पास किया था. बीए करने के बाद वे पुन: बेरमो आ गये. बाबूजी के आग्रह पर डीवीसी बेरमो माइंस के ऑफिस में ज्वाइन करने के लिए इंटरव्यू देने गये. माइंस के मैनेजर श्री वर्मा ने पूछा कितने पढ़े-लिखे हो. जब कहा कि गणित से बीए किया है तो एप्रुवल नहीं मिला. मैनेजर ने कहा कि कोई पूछे तो बीए छिपा देना, कहना आइएससी किया है, तब तुम्हें पंप खलासी की नौकरी मिल जायेगी, लेकिन उन्होंने यहां नौकरी नहीं की. इसी बीच राम बिलास उच्च विद्यालय में इतिहास के एक शिक्षक श्री पाठक नौकरी छोड़कर चले गये थे. प्राचार्य बीएन प्रसाद ने उन्हें उनकी जगह नौकरी करने को कहा. इसके बाद गरीब दास दूसरी बार इसी विद्यालय में 19 सितंबर 1958 को शिक्षक बहाल हुए.

Also Read: Dumri By Election LIVE: बारिश खत्म होते ही बूथ पर वोट देने पहुंचीं महिलाएं, लगी लंबी कतार

टिगोनोमेट्री और अलजबरा के मास्टर माइंड थे

शिक्षक गरीब दास उस जमाने में गणित में एसएल सोनी का टिगोनोमेट्री और अलजबरा के मास्टर माइंड थे. जीवन में कभी भी गणित की किताब खोलकर उन्होंने नहीं पढ़ायी. जहां से जिस चैप्टर से छात्र सवाल करते थे, उसका जवाब तुरंत ब्लैक बोर्ड पर लिख देते. गणित से पहले उन्होंने विद्यालय में इतिहास भी पढ़ाया. कहते हैं कि विद्यालय के एक छात्र एसडी प्रसाद (सीसीएल के सेवानिवृत अधिकारी) ने उनसे गणित पढ़ाने को कहा. इसके बाद से ही उन्होंने गणित पढ़ाना शुरू कर दिया. उस वक्त लोग विद्यालय में कहा करते थे कि इतिहास का शिक्षक गणित कैसे पढ़ायेगा? मात्र 80 रुपये मासिक वेतन से अपनी नौकरी शुरू करने वाले शिक्षक गरीब दास वर्ष 1993 में सेवानिवृत हुए.

शिक्षकों में पढ़ाने का, तो छात्रों में पढ़ने का था जुनून

गरीब दास के अनुसार उस वक्त शिक्षकों में पढ़ाने का तो छात्रों में पढ़ने का जुनून हुआ करता था. उस वक्त इसी विद्यालय में गणित के ही एक अन्य शिक्षक समीम अहमद, संस्कृत के एचएन मिश्रा, हिंदी के भैया मनोरंजन कुमार, सोशल साइंस के पीके सरकार, एसएन मिश्रा, बांगला के दिपेंद्र कुमार भौमिक, अंग्रेजी के आरपी सिंह, विज्ञान के सरयू प्रसाद,कला के सरयू प्रसाद, भूगोल के आरपी सिन्हा काफी नामी शिक्षक हुआ करते थे. विद्यालय के प्राचार्य ललित मोहन सिंह का भी काफी रुतबा हुआ करता था.

राजभाषा हिंदी के सच्चे साधक थे भैया मनोरंजन

राम बिलास उच्च विद्यालय के हिंदी शिक्षक भैया मनोरंजन राजभाषा हिंदी के सच्चे साधक थे. वे इस विद्यालय में 60 के दशक से 2001 तक हिंदी के मर्मज्ञ अध्यता रहे. हिंदी के प्रखर शिक्षक के रुप में काफी ख्याति अर्जित करने वाले भैया मनोरंजन ने वर्ष 1965 में इस विद्यालय में बतौर हिंदी शिक्षक इस विद्यालय में योगदान दिया था.वर्ष 1957 में हजारीबाग के हिंदी हाई स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद 1961 में संत कोलम्बस कॉलेज से हिंदी, अंग्रेजी व फिलॉस्पी में ग्रेजुएट किया. इसके बाद रांची विश्वविद्याय से 1963 में हिंदी से एमए किया.

बेरमो में कई शिक्षक थे चर्चित

बेरमो में पहले उच्च विद्यालय, मध्य विद्यालय और प्राथमिक विद्यालय के अलावा कई अन्य शिक्षक काफी चर्चित थे.शिक्षक व्यास सिंह, केपी सिंह, अनिल मुखर्जी, अरुण सर, यमुना सिंह, बिंदा सिंह, बाटुल मुखर्जी, भोला मुखर्जी, मीरा बहनजी, मालती बहनजी, विद्या सिंह, गोलक मुखर्जी, पूर्णिमा बहनजी, नवल किशोर सिंह, जयनंदन सिंह, बीएनपांडेय, देवनारायण सिंह, रामस्वरुप सिंह, एचएन सिन्हा, एसएन प्रसाद, किशोर प्रसाद, एमएन पांडेय, ज्योति प्रजापति, मदन प्रजापति, कन्हाी राम, चंडी चरण डे,बिंदेश्वर प्रजापति, जगदीश प्रजापति, अरुण जायसवाल, रघुवीर पांडेय आदि चर्चित शिक्षक थे.

Guru Swarup Mishra
Guru Swarup Mishrahttps://www.prabhatkhabar.com/
मैं गुरुस्वरूप मिश्रा. फिलवक्त डिजिटल मीडिया में कार्यरत. वर्ष 2008 से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत. आकाशवाणी रांची में आकस्मिक समाचार वाचक रहा. प्रिंट मीडिया (हिन्दुस्तान और पंचायतनामा) में फील्ड रिपोर्टिंग की. दैनिक भास्कर के लिए फ्रीलांसिंग. पत्रकारिता में डेढ़ दशक से अधिक का अनुभव. रांची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में एमए. 2020 और 2022 में लाडली मीडिया अवार्ड.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel