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संडे ड्यूटी बंद करने से आक्रोशित हुए कोयला मजदूर

चितरा में जुलूस निकला कर किया आउटसोर्सिंग कंपनी समेत अन्य कार्य बाधित

चितरा. चितरा कोलियरी में रविवार को कोलियरी प्रबंधन द्वारा जारी एक नोटिस के तहत संडे ड्यूटी बंद किये जाने पर कोयला मजदूर आक्रोश जताया है. प्रबंधन के इस फैसले के विरोध में रविवार की सुबह बड़ी संख्या में मजदूर संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा व चितरा कोलियरी ट्रेड यूनियन मोर्चा के बैनर तले मुख्य वर्कशॉप गेट पर जमा हुए और धरना पर बैठ गये व नारेबाजी करते हुए जमकर प्रदर्शन किया. साथ ही कोलियरी अभिकर्ता द्वारा वार्ता के दौरान संडे ड्यूटी चालू करने का आदेश नहीं दिये जाने पर कोयला मजदूर भड़क गये व धरना से उठ गये और बाइक जुलूस के शक्ल में मजदूर दमगढ़ा व गिरजा आउटसोर्सिंग, लोडिंग व कांटा और कामकाज को बाधित कर दिया. इतना ही नहीं बिजली आपूर्ति भी कुछ देर बंद करा दिया गया. हालांकि कुछ देर के बाद बिजली आपूर्ति बहाल कर दिया गया. साथ ही चितरा अतिथिशाला में भी खाना बना मना किया गया, लेकिन बाद खाना बनाने का कार्य चालू रहा. इसके कारण उत्पादन व खनन कार्य पूरी तरह से ठप रहा. इस संबंध में आक्रोशित मजदूर नेता पशुपति कोल, महेंद्र प्रसाद राणा, कृष्णा सिंह, नवल किशोर राय, योगेश राय, श्याम सुंदर तिवारी, राजेश राय, अभिषेक कुमार, मनोज तिवारी, बलदेव महतो, निर्मल मरांडी, अरुण महतो, अरुण पांडेय, रामदेव सिंह, वरुण सिंह, वीरेंद्र मंडल, प्रसादी दास, गोविंद कुमार ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि प्रबंधन की ओर से अगर जल्द संडे ड्यूटी बहाल नहीं की गयी, तो यह विरोध-प्रदर्शन बड़ा आंदोलन का रूप ले सकता है. साथ ही उन्होंने प्रबंधन के इस निर्णय को अन्यायपूर्ण और मजदूर विरोधी बताते हुए देते हुए तत्काल संडे ड्यूटी चालू करने की मांग की है. साथ ही कहा कि बिना किसी पूर्व सूचना व वार्ता के इस तरह सप्ताहांत के कार्य को बंद करना, सीधे तौर पर मजदूरों के हितों पर हमला है. कहा कि चितरा कोलियरी फायदा देने वाली कोलियरी है. उसके बावजूद भी संडे ड्यूटी बंद क्यों किया गया. यह बड़ा सवाल है. उनका कहना है कि न तो संयुक्त सलाहकार समिति (जेसीसी) की बैठक में यह मुद्दा उठाया गया और न ही किसी मजदूर संगठनों से रायशुमारी की.

अब तक लगभग 25 करोड़ का हो चुका है नुकसान : अभिकर्ता

विरोध प्रदर्शन की सूचना मिलने पर कोलियरी अभिकर्ता उमेश प्रसाद चौधरी प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे. जहां उन्हें मजदूरों के सवालों का सामना करना पड़ा. मौके पर उपस्थित मजदूर नेताओं ने प्रबंधन के फैसले को मजदूर विरोधी करार दिया. साथ ही कहा कि कोयला ढुलाई पिछले 19 दिनों से ठप है, जिससे ईसीएल को लगभग 25 करोड़ का आर्थिक नुकसान हो चुका है. इसकी जिम्मेवार पूरी तरह से संबंधित ट्रांसपोर्ट कंपनी है. कहा कि प्रबंधन पुनर्विचार करें व संडे ड्यूटी चालू करें. वहीं, सवालों के बीच अभिकर्ता उमेश प्रसाद चौधरी ने कहा कि संडे ड्यूटी बंद करने का निर्देश इसीएल मुख्यालय से आया है व यह निर्णय मेरे अधिकार क्षेत्र से बाहर है. साथ ही पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने स्पष्ट कहा कि कोलियरी पिछले कई सप्ताह से उत्पादन लक्ष्य से पीछे चल रही है. वहीं, ट्रांसपोर्टिंग ठप होने अब तक लगभग 25 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. हाइलार्ट्स: एकजुट होकर मजदूरों ने कोलियरी प्रबंधन के खिलाफ धरना देकर जमकर विरोध-प्रदर्शन चितरा में जुलूस निकला कर किया आउटसोर्सिंग कंपनी समेत अन्य कार्य बाधित

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