मधुपुर. शहर के भेड़वा स्थित पेंटेकोस्टल होलीनेस चर्च में फादर्स डे के अवसर पर रविवार को विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. साथ ही परिवार में सभी पिता के स्वास्थ्य और सुखी जीवन की कामना की. इस अवसर पर पादरी विश्वनाथ यादव ने कहा पिता है तो परिवार का सब कुछ है. कहा कि फादर्स डे सिर्फ एक दिन नहीं बल्कि पिता के प्रति आभार जताने का दिन है. यह दिन हमें यह भी याद दिलाता है कि हमारे जीवन में पिता का कितना योगदान रहा है. हर साल फादर्स डे जून महीने के तीसरे रविवार को सेलिब्रेट किया जाता है. उन्होंने कहा कि फादर्स डे मनाने की शुरुआत अमेरिका से हुई थी. इसके लिए साल 1909 में वाशिंगटन की एक महिला सोनेरा डोड ने इसकी पहल की थी. दरअसल, सोनेरा के पिता विलियम स्मार्ट एक सिविल वार के सिपाही थे. जिन्होंने अपनी पत्नी के निधन के बाद अकेले ही अपने छह बच्चों की परवरिश की थी. ऐसे में सोनेरा को लगा कि जिस तरह हर साल मदर्स डे को सेलिब्रेट किया जाता है. इसी तरह पिता के लिए एक दिन होना चाहिए, जिससे उनका त्याग और समर्पण को याद किया जा सके. ऐसे में साल 1910 में पहली बार फादर्स डे को वाशिंगटन में मनाया गया. जिसके बाद इसको खास दिन को मनाने की परंपरा पूरी दुनिया में फैल गयी. वहीं, कुछ समय के बाद साल 1972 में अमेरिका के राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने इसे आधिकारिक रूप से जून के तीसरे रविवार को मनाने का ऐलान कर दिया. वहीं, पिता के योगदान को जीवन में कभी नहीं भूला जा सकता है.
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