मधुपुर. शहर के हरलाटांड़ में अंजुमन तरक्की-ए-उर्दू के तत्वावधान में उर्दू के उत्थान विषय पर चर्चा व एक मुशायरा सह कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में अंजुमन तरक्की-ए-उर्दू जिला सचिव रजा मधुपुरी ने उर्दू की मौजूदा स्थिति के बारे में बताया और उसके उत्थान के लिए क्या-क्या किया जाना चाहिए. इसपर लोगों से अपनी बातें रखी. साथ ही जो कठिनाइयां इस संबंध में उत्पन्न हैं उन से कैसे निपटा जाए इस पर भी चर्चा करने को कहा. सेवानिवृत शिक्षक अब्दुल जब्बार ने कहा कि उर्दू एक ऐसी भाषा है जिसमें कई जबाने शामिल है. उर्दू का मतलब होता है लश्कर जिस तरह से एक सेना में सभी जात और धर्म के लोग होते हैं. अरुण कुमार निर्झर ने कहा कि उर्दू सिर्फ मुसलमान की भाषा नहीं है बल्कि यह पूरे हिंदुस्तानियों की भाषा है और बहुत सारे राज्य में यह भाषा कसरत से बोली जाती है. इसके उत्थान के लिए हम सबको मिलकर कोशिश करनी चाहिए. धनंजय प्रसाद ने कहा कि उर्दू की अपनी अलग पहचान है और यह पूरे देश के लोगों की भाषा है. बड़े-बड़े कवि और शायर जो मुस्लिम नहीं थे. उन्होंने अपनी उर्दू शायरी का दुनिया से लोहा बनवाया. इसके अलावा मुजम्मिल व अजमल ने भी अपनी बातें रखीं. कार्यक्रम के दूसरे दौर में मुशायरा व कवि सम्मेलन कार्यक्रम आयोजित किया गया.
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