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वसंत पंचमी पर बाबा बैद्यनाथ धाम में होती है मां सरस्वती की विशेष पूजा, जानें मंदिर खासियत

ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ मंदिर प्रांगण में माता सरस्वती का अलग मंदिर है. वसंत पंचमी पर देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम में मां सरस्वती की विशेष पूजा होती है. इस दिन कई बच्चे यहां से विद्या आरंभ करते हैं. आइए जानते हैं यहां की खासियत-

आज वसंत पंचमी है, आज के दिन माता सरस्वती की पूजा का खास महत्व होता है. देशभर में सरस्वती पूजा की धूम है. बच्चों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. झारखंड के बाबा बैद्यनाथ धाम में भी वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विशेष पूजा की जाती है. बाबा मंदिर के वरिष्ठ पुरोहित दुर्लभ मिश्रा बताते हैं कि साल में बसंत पंचमी तिथि पर मां सरस्वती की विशेष पूजा की जाती है. यहां पर मां सरस्वती की पूजा वैदिक विधि से की जाती है.

आज मां सरस्वती की विशेष पूजा

मालूम हो कि देवघर के बाबा मंदिर में 22 देवी देवताओं के अलग-अलग मंदिर हैं और सभी का अलग-अलग महत्व है. इन्हीं मंदिरों में एक माता सरस्वती का भी मंदिर है. इस मंदिर में प्रवेश करने के लिए मंदिर प्रांगण से भक्त मां सरस्वती के चबूतरे पर पहुंचते हैं. सामने पीतल के दरवाजे को भक्त प्रणाम कर सिर झुकाकर गर्भ गृह में पहुंचते हैं, जहां वीणा लिये विद्या की देवी मां सरस्वती के दर्शन होते हैं. यहां पर भक्त और पुजारी सभी के लिए प्रवेश और निकास द्वार का एक ही रास्ता है. इस मंदिर में ओझा परिवार मंदिर स्टेट की ओर मां की पूजा की जाती है. बसंत पंचमी तिथि पर यहां मां सरस्वती की वैदिक विधि से पूजा की जाती है. यहां भक्त सालों भर मां सरस्वती की पूजा कर सकते हैं.

आज पहली बार खड़ी पढ़ेंगे कई बच्चे

आज, वसंत पंचमी पर कई बच्चे यहां से विद्या आरंभ करेंगे. सरस्वती पूजा के दिन पंडा धर्म रक्षिणी के द्वारा पहली बार खड़ी पढ़ने वाले बच्चों को नि:शुल्क स्लेट, पेंसिंल और किताब दिया जाता है. इस मंदिर में प्रवेश करते ही तीर्थ पुरोहित नरौने परिवार के वंशज मां सरस्वती के प्रांगण में अपने यजमान को संकल्प पूजा कराने के लिए अपने गद्दी पर रहते हैं.

माता सरस्वती के मंदिर की खासियत

अमूमन ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ मंदिर प्रांगण में बाबा पर जलार्पण के बाद भक्त मां शक्ति की पूजा कर ज्ञान देने वाली मां सरस्वती की पूजा अर्चना करते हैं. विद्या की देवी के मंदिर में भक्त पूजा करने के लिए घंटों कतार में खड़े रहते हैं. इस मंदिर का निर्माण पूर्व सरदार पंडा स्वर्गीय श्रीश्री रामदत्त ओझा ने निर्माण कराया था. यह मंदिर मुख्य मंदिर के दक्षिण पश्चिम कोने की तरफ स्थित है. मां सरस्वती के मंदिर की लंबाई लगभग 25 फीट और चौड़ाई लगभग 20 फीट है. मां सरस्वती के शिखर पर तांबे का कलश है. इसके ऊपर पंचशूल भी लगा है. इस मंदिर की बनावट अन्य मंदिरों से छोटी व अलग है.

तुलसी चौरा

यह चबूतरा वेदीनुमा स्थापित है. यह हनुमान मंदिर, मां मनसा मंदिर, मां सरस्वती मंदिर, भगवान सूर्य नारायण मंदिर के सामने स्थित है. इस चबूतरे की चौड़ाई 25 फुट हैं. इस चबूतरे पर एक तुलसी पौधा लगा है. इसे तुलसी चौरा कहते है. आश्विन मास तुला संक्रांति में इस तुलसी चौरा के पास आकाश दीप जलाया जाता है. यह दीप पुजारी द्वारा जलाया जाता है.

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Jaya Bharti
Jaya Bharti
This is Jaya Bharti, with more than two years of experience in journalistic field. Currently working as a content writer for Prabhat Khabar Digital in Ranchi but belongs to Dhanbad. She has basic knowledge of video editing and thumbnail designing. She also does voice over and anchoring. In short Jaya can do work as a multimedia producer.

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