24.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Deoghar News : सड़क किनारे फेंके जाने वाले मेडिकल कचरे पर निगम की नजर, नोटिस, जांच और जुर्माने की तैयारी

शहर में खुलेआम मेडिकल कचरा फेंके जाने से नगर निगम अलर्ट हो गया है. नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा और स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए नगर निगम अब मेडिकल कचरे के प्रबंधन को लेकर सख्त रवैया अपनाने जा रहा है.

संवाददाता, देवघर : शहर में खुलेआम मेडिकल कचरा फेंके जाने से नगर निगम अलर्ट हो गया है. नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा और स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए नगर निगम अब मेडिकल कचरे के प्रबंधन को लेकर सख्त रवैया अपनाने जा रहा है. नगर आयुक्त रोहित सिन्हा ने सफाई विभाग को स्पष्ट निर्देश दिया है कि इस मामले में ठोस प्लान बनाकर कार्रवाई की जाये. निगम सूत्रों के अनुसार, शहर के सभी निजी अस्पतालों, ओपीडी, नर्सिंग होम, पैथोलॉजी आदि की सूची तैयार की जा रही है, जिन्हें जल्द ही नोटिस भेजी जायेगी. इन नोटिस में संचालकों से यह पूछा जायेगा कि उनके संस्थानों से निकलने वाले मेडिकल कचरे का निस्तारण कैसे और कहां किया जा रहा है. यदि किसी एजेंसी से कचरे के उठाव को लेकर अनुबंध किया गया है, तो उसकी पूरी जानकारी देनी होगी. जैसे एजेंसी कहां की है, कितने दिनों में कचरे का उठाव करती है, उसका निपटारा कैसे किया जाता है तथा कंपनी का पूरा विवरण.

बाजला चौक से लेकर पुरनदहा मोड़ तक स्थित सभी निजी अस्पतालों की जांच की जायेगी और उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जायेगी. जांच के दौरान यह पाया गया है कि कई अस्पतालों द्वारा प्रतिदिन सड़क किनारे या सार्वजनिक स्थानों पर मेडिकल कचरा फेंका जा रहा है. कुछ स्थानों पर जमुनाजोर में खुलेआम मेडिकल कचरे को डंप करने की शिकायतें भी मिली हैं. नगर निगम की टीम अब यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी अस्पताल या निजी स्वास्थ्य केंद्र बिना तय मानकों के मेडिकल कचरा नहीं फेंके. जल्द ही कार्रवाई की जाएगी और नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना और अन्य दंडात्मक कदम भी उठाये जायेंग.

क्या है मेडिकल कचरे के प्रबंधन का नियम

मेडिकल कचरे के निस्तारण के लिए “बायो-मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स, 2016 ” लागू हैं, जिसे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के तहत लागू किया गया है. अस्पतालों को कचरे को इसके प्रकार के आधार पर रंगीन बायोमेडिकल बैग में अलग-अलग जमा करना होता है. मेडिकल कचरा केवल अधिकृत बायोमेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट एजेंसी को ही सौंपा जा सकता है. अस्पतालों को निर्देश है कि 24 घंटे के भीतर मेडिकल कचरे का सुरक्षित निपटारा करना है. सभी हेल्थ केयर फैसिलिटी को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में रजिस्टर कराना होता है. वहीं कचरे को जलाने या स्टरलाइज करने की तकनीकों का उपयोग कर उसका निष्प्रभावीकरण किया जाता है.

हाइलाइट्स

मेडिकल कचरे को लेकर सभी निजी अस्पताल, नर्सिंग होम को भेजी जायेगी नोटिस

अस्पतालों से कचरे के उठाव, निपटारा और एजेंसी की पूरी जानकारी मांगी जायेगी

बाजला चौक से पुरनदहा मोड़ तक सभी अस्पतालों की सूची तैयार कर रही है निगम की टीम

खुले में मेडिकल कचरा फेंकने पर लगेगा जुर्माना और होगी कानूनी कार्रवाई

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel